scriptजब पाकिस्तान में चोरी छिपे देखी जाती थी श्रीदेवी की फिल्में, पकड़े जाने पर मिलती थी ये सजा | When Sridevi's films was banned in Pakistan | Patrika News

जब पाकिस्तान में चोरी छिपे देखी जाती थी श्रीदेवी की फिल्में, पकड़े जाने पर मिलती थी ये सजा

locationनई दिल्लीPublished: Oct 28, 2021 07:06:25 pm

Submitted by:

Archana Pandey

फिल्में देखना उन दिनों भले ही बैन था लेकिन लड़के हॉस्टल के हॉल में सब दरवाजे खिड़कियां खोलकर फुल वॉल्यूम में फिल्में देखते थे, ताकि पुलिस चौकी तक भी आवाज पहुंच जाए।

shridevi8.jpg

Sridevi

नई दिल्ली: श्रीदेवी (Sridevi) के दीवाने इंडिया (India) ही नहीं, पाकिस्तान (Pakistan) में भी बहुत हैं। लेकिन पाकिस्तान के इन दीवानों के (Pakistan Former President) राष्ट्रपति जनरल जिया-उल-हक (Muhammad Zia-ul-Haq) दुश्मन बन गए थे। क्योंकि उन्होंने अपने तानाशाही शासन में भारतीय फिल्में देखना जुर्म बना दिया था। इस वजह से जो भी फिल्में देखते पकड़ा जाता था उसे सजा होती थी। जिसके कारण लोग श्रीदेवी की फिल्में देखने के लिए बड़े जतन किया करते थे।
shridevi4.jpg
फिल्में पाकिस्तान में देखना गैर कानूनी था

बीबीसी के पाकिस्तान के पूर्व संवाददाता रहे वुसअतुल्लाह ख़ान ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जब वह कराची यूनिवर्सिटी में दाखिल हुए थे तब उन्हें एक साल बाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में कमरा मिला था। जिसमें उन्होंने श्रीदेवी के दो पोस्टर चिपकाए थे और उनके अनुसार ये तब की बात थी जब भारतीय फिल्में पाकिस्तान में देखना गैर कानूनी था और पकड़े जाने पर तीन से छह महीने की सजा होती थी।
shridevi3.jpg
कम से कम तीन फिल्में तो जरूर होती थीं

वुसअतुल्लाह का कहना था कि लड़के कहां मानने वाले थे, पैसे जोड़ जाड़कर वीसीआर किराये पर लाते थे और एक साथ छह फिल्में चला करती थीं। इसमें से श्रीदेवी की कम से कम तीन फिल्में तो जरूर होती थीं। वुसअतुल्लाह ने बताया था कि यह वहीं दौर था जब श्रीदेवी की चांदनी से लेकर नगीना, आखिरी रास्ता, हिम्मतवाला, मिस्टर इंडिया जैसी तमाम हिट फिल्में रिलीज हो रही थीं।
shridevi5.jpg
लेकिन लड़के अपने हॉस्टल देखते थे

वुसअतुल्लाह का कहना था कि फिल्में देखना उन दिनों भले ही बैन था लेकिन लड़के अपने हॉस्टल के हॉल में सब दरवाजे खिड़कियां खोलकर फुल वॉल्यूम में फिल्में देखते थे, ताकि हॉस्टल के बाहर बनी पुलिस चौकी तक भी आवाज पहुंच जाए।
वुसअतुल्लाह का कहना था कि ऐसा करना एक तरह से जनरल ज़िया-उल-हक की तानाशाही के खिलाफ प्रतिरोध था। पाकिस्तानी लड़के उन दिनों यही सोचा करते थे कि अगर श्रीदेवी न होती तो जनरल जिया-उल-हक की 10 साल पर फैली घुप्प तानाशाही वह कैसे काट पाते।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो