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पति नहीं बल्कि एक सपने की वजह से सरोज खान ने अपनाया था इस्लाम, ख्वाब में नजर आती थी मस्जिद

Saroj Khan Death : सरोज खान का असली नाम सरोज किशन चंद साधू सिंह नागपाल था। वो एक सिंधी पजांबी थीं सरोज को इस्लाम धर्म के तौर-तरीके पसंद थे। साथ ही इबादत करने का अंदाज भी

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Soma Roy

Jul 03, 2020

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Saroj Khan Death

नई दिल्ली। कोरियोग्राफर सरोज खान (Choreoghrapher Saroj Khan) के दुनिया को अलविदा (Saroj Khan Death) कह जाने से हर कोई सदमे में हैं। अपने बेबाक अंदाज और परफेक्शन के चलते बॉलीवुड में उन्होंने एक अलग ही मुकाम हासिल किया। करियर की ऊंचाईयों को छूने वाली सरोज की पर्सनल लाइफ (Personal Life) काफी उतार चढ़ाव भरी रही है। महज 13 साल की उम्र में निकाह करना और हिंदू होकर भी इस्लाम कुबूल (Adopt Islam Religion) करने के चलते वह काफी चर्चाओं में रही थीं। ज्यादातर का मानना है कि पति की वजह से उन्होंने इस्लाम धर्म को अपनाया। मगर क्या आपको पता है मुस्लिम धर्म को अपनाने के पीछे सरोज का कुछ और ही मकसद था। तो कौन-सी थी वो वजह जिसके चलते उन्होंने बदली अपनी पहचान आइए जानते हैं।

सरोज खान ने पहले एक पाकिस्तानी चैनल को इंटरव्यू (Old Interview) दिया था। जिसमें उन्होंने अपने धर्म परिवर्तन के बारे में जिक्र किया था। उन्होंने बताया कि शादी से पहले वो एक हिंदू थीं। उनका असल नाम सरोज किशन चंद साधू सिंह नागपाल था। वो एक सिंधी पजांबी थीं। उन्होंने सोहनलाल से शादी की थी। वे उनसे करीब 30 साल बड़े थे। पहले वे पाकिस्तान में रहते थे मगर पार्टिशन के बाद वे भारत आ गए थे। तभी सरोज खान ने अपना धर्म बदला। कहा जाता है कि उन्होंने पति की वजह से धर्म परिवर्तन किया। हालांकि सरोज ने इस बात का खंडन किया और कहा कि इस्लाम अपनाने के लिए उन्हें किसी ने मजबूर नहीं किया है। उन्होंने अपनी मर्जी से इसे अपनाया है।

उन्होंने इंटरव्यू में यह भी कहा था,मैं जब छोटे बच्चों को इस्लाम का पालन करती देखती थीं, इबादत करती देखती थी तो मुझे बहुत अच्छा लगता था। तभी से मुझे इस्लाम को अपनाने का मन करता था। इसके अलावा सपने में मुझे एक बच्ची मस्जिद (Mosque) के अंदर से पुकारती दिखती थी। सपने (Dream) में वो बच्ची मुझे मेरीमां बताती थी और बार-बार उन्हें पुकारती थी। सरोज ने बताया कि उन्हें ये सपना अक्सर आता था। तभी मैंने इस्लाम कुबूल करने का मन बनाया था।