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किसी भी कार्य में सिद्धहस्त बने रहने के लिए क्या करें, पढ़िए ये कहानी

किसान ने कहा - अगर मैं और मेरे बेटे 12 साल काम नही करेंगे तो हम भूल जायेंगे कि खेती कैसे करते हैं। फिर बारिश होगी भी तो हम भूखों मर जायेंगे। इसलिये हम खेती कर रहे हैं।  

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Mankameshwar Maharaj

मंदिर के मंहत योगेश पुरी ने बताया कि भक्तों क उत्साह और श्रद्धा देखते ही बनती है। सावन के सोमवार को मंगला दर्शन की विशेष महत्ता है। इस कारण हर कोई पहले दर्शन करने के लिए लालायित रहता है।

एक बार इंद्र ने गुस्से मे आकर सभी को श्राप दे दिया कि 12 साल वो बरसात नहीं करेंगे जिससे लोग पानी को तरसेंगे। लोगों में हाहाकार मच गया। सबने समझाया पर इंद्र नहीं माने।ल बारिश का महीना आया। इंद्रदेव ने बारिश नहीं की।

एक किसान अपने बच्चों के साथ खेत मे गया और खेती के वो सभी काम करने लगा जो बरसात से पहले किये जाते हैं। साथ में वो अपने बच्चों को भी समझा रहा था कि काम कैसे किया जाये। इंद्र को यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ कि 12 साल तक पानी नहीं बरसेगा फिर भी ये काम क्यूं कर रहा है ?

इंद्र एक भिखारी का रूप धर के उसके पास गये और कहा- हे किसान! क्या तुमने श्रापित आकाशवाणी नहीं सुनी थी कि 12 साल बरसात नही होगी? फिर क्यूं खेत जोत रहे हो?

किसान ने कहा -सुनी थी ! पर अगर मैं और मेरे बेटे 12 साल काम नही करेंगे तो हम भूल जायेंगे कि खेती कैसे करते हैं। फिर बारिश होगी भी तो हम भूखों मर जायेंगे। इसलिये हम खेती कर रहे हैं।

इंद्र की आंखें खुल गयी। वे सोचने लगे 12 साल में तो शायद मैं भी अपना बारिश गिराने का कौशल भूल जाऊंगा। उन्होंने तुरंत श्राप वापस लिया और बारिश करवा दी।

सीख

किसी भी कार्य में सिद्धहस्त होने और बने रहने के लिए उसे सतत रूप से करते रहना आवश्यक होता है।

प्रस्तुतिः हरिहरपुरी

मठ प्रशासक, श्रीमनःकामेश्वर मंदिर, आगरा