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Coronavirus: तीन टीचरों ने सड़क पर बनाई पेंटिंग, वायरस खत्म होने के दो साल बाद भी लोगों को रखेगी अलर्ट

Highlights बुलंदशहर में तीन टीचरों ने शुरू की लोगों को जागरूक करने की मुहिम पेंटिंग के जरिए लोगों को बार—बार हाथ धोने को कर रहे जागरूक कालाआम चौराहे पर बनी पेंटिंग पर आया 22 हजार रुपये का खर्च

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बुलंदशहर। जिले में तीन शिक्षक अनोख तरीके से लोगों को कोरोना वायरस से बचने का रास्ता बता रहे हैं। इन्होंने लोगों को जागरूक करने के लिए एक मुहिम छेड़ी गई है। बुलंदशहर में इसके लिए तीन टीचर सड़कों पर पेंटिंग बना रहे हैं। इस स्ट्रीट पेंटिंग में पृथ्वी को कोरोना वायरस से संक्रमित दिखाया गया है। साथ ही लगातार हाथ धोते रहने के लिए भी स्ट्रीट पेंटिंग के द्वारा जागरूक किया जा रहा है।

मंसूरी में आर्ट टीचर है आरिफ

बुलंदशहर के रहने वाले आरिफ मोहम्मद खान उत्तराखंड के मंसूरी जिले में सेंट जॉन्स कॉलेज में आर्ट्स के टीचर हैं। लॉकडाउन होने के बाद आरिफ घर आ गए थे। यहां लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिए जागरूक करने का आइडिया उनके दिमाग में आया था। आरिफ ने जिला प्रशासन की अनुमति लेकर स्ट्रीट पेंटिंग बनानी शुरू की। इस काम में उन्होंने अपने साथी प्राइमरी अध्यापक एवं राज्यपाल पुरस्कार विजेता फिरोज खान और दिल्ली के टीचर गुफरान खान की भी मदद ली। बुलंदशहर के कालाआम चौराहे पर उन्होंने दो दिन की कड़ी मेहनत के बाद साथियों के साथ स्ट्रीट पेंटिंग बनाई।

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एक और पेंटिंग बनाने की है योजना

पेंटिंग के जरिए वे लोगों को समझा रहे हैं कि कोरोना वायरस से बचने के लिए हमें बार-बार हाथों को धोते रहना चाहिए। आरिफ का कहना है कि वह आगे भी एक नई स्ट्रीट पेंटिंग बनाकर लोगों को बताएंगे कि किस तरह देश के लिए डॉक्टर, पुलिसकर्मी और सफाईकर्मी भगवान बन कर काम कर रहे हैं।

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राज्यपाल पुरस्कार विजेता कर रहे सहयोग

राज्यपाल पुरस्कार विजेता फिरोज खान ने बताया की इस पेंटिंग को बनाने में बेहद महंगे रंगों का उपयोग हुआ है। यह पेंटिंग आसानी से खराब नहीं होगी। जितनी बार इस पेंटिंग को धोया जाएगी, उतनी बार यह और निखर कर सामने आएगी। अब तक इस पेंटिंग में लगभग 22 हजार रुपये का खर्चा आ चुका है। उनका कहना है कि उनकी बनाई स्ट्रीट पेंटिंग कोविड-19 वायरस खत्म होने के बाद भी लगभग 2 साल तक इस महामारी की याद दिलाती रहेगी ताकि लोग स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें।