कुल्हाड़ी से कर दिए थे दो टुकड़े सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी मनुराज बहादुर ने बताया कि एक अगस्त 2010 को एक महिला ने तहरीर देकर बताया था कि गांव का युवक प्रवीण घर में घुसकर बेटी के साथ छेड़छाड़ कर रहा था। विरोध करने पर भी जब आरोपित नहीं माना तो उसने घर में रखी कुल्हाड़ी से युवक पर वार कर दिया। जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। इस मामले में दो अगस्त को युवक की बुआ ने भी तहरीर दी थी। जिसमें कहा था कि एक अगस्त की शाम को प्रवीण खाना खाकर टहलने गया था। जिस युवती से उसका प्रेम प्रसंग था, उसकी मां ने इसके विरोध में प्रवीण की हत्या की है।
सबूतों के आधार पर मिली सजा पुलिस ने दोनों तहरीरों के आधार पर जांच की और मां को आरोपी मानते हुए मुकदमा हत्या की धारा में तरमीम कर दिया। चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी गई। गवाह और सबूतों के आधार पर एडीजे-प्रथम राजेश्वर शुक्ला ने 72 वर्षीय आरोपित महिला को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।