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12 साल पहले गंगा में बहाया था बेटे का शव, अब हुआ कुछ ऐसा कि सब रह गए दंग

locationबुलंदशहरPublished: May 10, 2018 01:21:06 pm

Submitted by:

Nitin Sharma

सांप के डसने से हो गर्इ थी मौत

bulandshahr news

बुलंदशहर।सांप काटने से मर चुके इंसान जिंदा हो जाते है। एेसे किस्से अब तक आप ने कहानी में सुने आैर टीवी सीरियल में खूब देखें होंगे। लेकिन बुलंदशहर में एक एेसा ही मामला सामने आया है। जिसके बाद से परिवार ही नहीं पूरे गांव में इसकी चर्चा शुरू हो गर्इ है। इसकी वजह सांप के डस ने से मृत बच्चे के बारह वर्ष बाद अपने परिजनों के सामने आना है। जी हां 12 वर्ष पहले एक बच्चे को सांप ने डस लिया था। जिसके बाद परिजनों ने उसका शव को जल-प्रवाह कर दिया था। लेकिन अचानक सालों बाद वह किशोर अवस्था में मां-बाप के सामने आ पहुंचा।वहीं इससे पहले भी यूपी के अन्य जिलों समेत उत्तराखंड में भी सांप के डसने के बाद जिंदा होने के मामले सामने आ चुके है।

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मौत के बाद बेटे को शव को गंगा में कर दिया था प्रवाह

जानकारी के अनुसार यह मामला खानपुर-बसी मार्ग स्थित जरियां आलमपुर लोध बहुल गांव का है। गांव में रहने वाले मदन सिंह के बेटे गगन को 12 वर्ष पहले सांप ने डस लिया था। उस समय गगन की उम्र तीन साल थी। आनन-फानन में परिजन गगन को इलाज के लिए पास के गांव ले गये, लेकिन डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। जिसके बाद परिजनों ने अपने तीन साल के मृत बेटे गंगन को गंगा में प्रवाह कर दिया था। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इसके बाद तीन साल के बच्चे को कुछ सपेरों ने निकाल लिया था। उसका उपचार किया आैर उसे स्वस्थ कर दिया।

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12 साल बाद परिजनों के सामने पहुंच गया बेटा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चार दिन पहले ही 12 साल बाद गगन सपेरों की टोली के साथ अपने गांव जरियां आलमपुर पहुंच गया। यहां उसके परिजनों ने देखकर पहचान लिया। परिजनों ने संपेरों को बताया कि वह उनका बेटा है, लेकिन उन्होंने इस बात को नकार दिया। परिजनों ने जब गगन के सीने आैर कमर पर बने निशानों के विषय में बताया तो सपेंरे भी दंग रह गये। उन्होंने मां बाप के दांवों सही पाकर उनके द्घारा मिन्नत करने पर पर उसके बेटे को गगन को उसकी मां गायत्री लोधी आैर पिता मदन सिंह को सौंप दिया।

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पहले भी सामने अा चुके है सांप के काटने के बाद जिंदा होने के मामले

वहीं आप को बता दें कि बारह साल बाद बच्चे के जिंदा होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले करीब छह साल पहले बुलंदशहर के ही गिनौरा नंगली में सांप के काटने से गंगा में बहाया गया, युवक दो साल बाद जिंदा होकर अपने परिजनों के सामने आ गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खानपुर थाना क्षेत्र के गांव गिनौरा नंगली निवासी किशनलाल के बेटे रोहित को आज से आठ साल पूर्व तीन नवंबर 2010 की रात को सांप ने काट लिया था। परिजनों ने उसका उपचार कराया। जिसमें डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद 15 जून 2012 को रोहित को अपनी मां बीना को उसी के गांव नंगली में सांप का तमाशा दिखाता मिला। उसने तमाशा दिखाने के दौरान ही बेटे को पहचान लिया था। जिसके बाद उन्होंने सपेरों से बेटे को वापस करने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने उनके बेटे को वापस करने से इनकार कर दिया था। हालांकि उन्होंने परिजनों को उससे मिलने इजाजत जरूर दे दी थी।वहीं एेसा ही दूसरा मामला उत्तराखंड के देवरनिया के भुडुवा गांव में 11 साल पहले सांप के काटने से मर चुका व्‍यक्ति 20 मार्च 2014 को अचानक एक बार जीवित होकर अपने घर लाैट आया। युवक के सकुशल घर लौटने पर जहां परिवार के लोग खुश थे। वहीं पति की मौत के बाद अपने देवर के साथ विवाह कर चुकी उसकी पत्‍नी असमंजस की स्थिति में फंस गई थी। ग्यारह साल पहले 25 वर्षीय छत्रपाल को सांप के काटने के बाद परिजनों ने उसे मृत समझकर नदी में बहा दिया था। पति की मौत के बाद छत्रपाल की गर्भवती पत्नी उर्मिला की युवा अवस्था को देखते हुए उसके घरवालों ने उसकी शादी छत्रपाल के छोटे भाई तेजपाल से कर दी। उसकी पहली संतान तो किसी कारण वश नहीं बच सकी, लेकिन तेजपाल से उसके दो बच्चे हुए। वहीं 11 वर्ष पहले मर चुका छत्रपाल अचानक फिर से अपने घर लौट आया। उसने बताया कि वह सांप के काटने से मरा नहीं था, मात्र बेहोश हो गया था। नदी के पास ही सपेरों की एक बस्ती थी। जिन्होंने उसका इलाज कर उसे बचा लिया।

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