24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हाईवे पर मां-बेटी से रेप करने वाले दरिंदे को उम्रकैद की सजा, 9 साल बाद आया फैसला

Bulandshahr Gang Rape Case : बुलंदशहर में नेशनल हाईवे-91 पर परिवार को बंधक बनाकर मां-बेटी से गैंगरेप किया था। कोर्ट ने आज 5 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

2 min read
Google source verification

गैंगरेप के आरोपियों को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा, PC- Patrika

बुलंदशहर(Bulandshahr Gang Rape Case) :बुलंदशहर में नेशनल हाईवे-91 पर 9 साल पहले परिवार को बंधक बनाकर मां-बेटी से गैंगरेप किया गया। इस मामले में आज अदालत ने फैसला सुनाया और 5 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। 20 दिसंबर को कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया था।

दोषी करार दिए जाने के बाद जब जुबैर को लेकर जा रहे थे तो उसने अपने हाथ हवा में लहराए और बोला… जियो राजा मुझे फेमस कर दो। इस पर पुलिसकर्मी उसे धक्का देते हुए लेकर गए। दरिंदगी करने वालों के चेहरे पर बिल्कुल भी शिकन नही थी।

2016 में हाईवे पर की थी दरिंदगी

घटना 28 जुलाई, 2016 की रात की है। एक परिवार नोएडा से अपने गांव तेरहवीं में शामिल होने जा रहा था। कार में 14 साल की लड़की, उसके पिता, मां, ताई-ताऊ और तहेरा भाई सवार थे। रात 1.30 पर कार बुलंदशहर देहात कोतवाली क्षेत्र में दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास पहुंची। इसी दौरान बदमाशों ने कार को रोक लिया। पूरे परिवार को बदमाशों ने खेत में बंधक बना लिया और मां-बेटी को दूसरे खेत में ले गए। 14 साल की बच्ची और मां से बदमाशों ने बारी-बारी से गैंगरेप किया। इसके बाद आरोपी लूटपाट कर निकल गए थे।

डायल-100 ने नहीं किया था रेस्पांस

पीड़ित परिवार ने डायल - 100 पर 100 से अधिक बार कॉल की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। परेशान लड़की के पिता ने अपने दोस्त को कॉल किया, तब जाकर पुलिस पहुंची। आरोप है, देहात कोतवाली पुलिस ने शुरू में मामला दबाने की कोशिश की। लड़की को मेडिकल के लिए भटकना पड़ा। आखिरकार घटना के 12 घंटे बाद 30 जुलाई की दोपहर मुकदमा दर्ज हुआ।

मामले ने तूल पकड़ा और नप गए थे 19 पुलिसकर्मी

मामले ने जब तूल पकड़ा तो सीओ, इंस्पेक्टर समेत 19 पुलिसकर्मी नप गए थे। 1 अगस्त, 2016 को डीजीपी और प्रमुख सचिव मौके पर पहुंचे थे। उसी शाम तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण और सीओ हिमांशु गौरव को हटा दिया गया था। थाना प्रभारी रामसेन समेत 19 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: लिया था संज्ञान

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस जघन्य घटना का स्वतः संज्ञान लिया था और CBI को जांच के आदेश दिए थे। 19 अगस्त 2016 को CBI ने जांच शुरू की थी। 20 अगस्त को CBI टीम ने आरोपियों की रिमांड लेकर 20 अगस्त को घटनास्थल का सीन रीक्रिएट कराया।

2 आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में कर दिया था ढेर

दो आरोपियों को नोएडा और हरियाणा पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इस केस में पुलिस ने बुलंदशहर और हरियाणा से कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के खिलाफ 11 अप्रैल, 2017 और हरियाणा से गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ 27 जुलाई, 2018 को चार्ज फ्रेम किए गए।

5 आरोपियों को सुनाई कोर्ट ने सजा

ट्रायल के दौरान एक आरोपी सलीम की बीमारी से मौत हो गई। दो आरोपी- अजय उर्फ असलम उर्फ कालिया को हरियाणा पुलिस और बंटी उर्फ गंजा उर्फ बबलू को नोएडा एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। जबकि 3 रहीसुद्दीन, जावेद उर्फ शावेज और जबर सिंह के नाम केस से निकाले जा चुके हैं। 5 आरोपियों को आज कोर्ट ने दोषी करार दिया।