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तमिल चिंतक व लेखक रामास्वामी पेरियार के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने पर बढ़ी रामदेव की परेशानी

रामदेव के खिलाफ दलितों में बढ़ा आक्रोश गुस्साए लोगों ने फूंका रामदेव का पुतला

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बुलंदशहर. दलित समाज के चिंतक व लेखक रामास्वामी पेरियार के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के बाद बाबा रामदेव घिरते हुए नजर आ रहे हैं। दलित समाज के विचारक और संत ईवीएन रामास्वामी पेरियार पर टिप्पणी को लेकर योग गुरु रामदेव के खिलाफ दलित समाज के लोगों ने बुलंदशहर के काला आम चौराहा पर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान इन लोगों ने पतंजलि के खाद्य प्रोडक्ट की होली जलाने के साथ ही बाबा रामदेव का भी पुतला फूंका।

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बसपा के मेरठ मंडल प्रभारी मदन पाल गौतम ने कहा कि ईवीएन रामास्वामी पेरियार दलित समाज के समाज सुधारक और सम्मान्नीय संत रहे हैं। उन्हें डॉ. बीआर अंबेडकर और गुरु रविदास के समकक्ष माना जाता है। उन्होंने कहा कि पेरियार साहब ने दलित समाज के सुधार के बारे में कई किताबें भी लिखी हैं। पूरे भारत और विश्व का दलित समाज संत रामास्वामी पेरियार को बाबा साहब डॉ. बीआर अंबेडकर और संत गुरु रविदास के बराबर सम्मान देता है।

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उन्होंने कहा कि योग गुरु रामदेव ने पेरियार साहब के बारे में बेहद अपमानजनक टिप्पणी कर उनका अपमान किया है। इससे पूरे भारत के दलित समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने बताया कि कि बाबा रामदेव ने अप्रैल 2014 में भी राहुल गांधी के संदर्भ में दिए गए एक बयान में दलित महिलाओं के बारे में एक बेहद अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस बारे उनके खिलाफ हिसार की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सीमा सिंघल की अदालत में एक मुकदमा चल रहा है। रामदेव अपने अधिवक्ता के मार्फत पेश होकर यह मुकदमा भुगत रहे हैं।