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एडीजी कानून व्यवस्था ( ADG Law & Order ) प्रशांत कुमार ने भी पकड़े गए चारों आरोपियों से पूछताछ की है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए चारों युवकों के नाम हाफिज सफीक, मुफजुर्रह्मान, अजीजुर्रहमान और मोहम्मद इस्लाइल हैं। इनमें से हाफिज सफीक और मुफजुर्रह्मान को बुलंदशहर को उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरफ्तार किया गया है जबकि अजीजुर्रहमान और मोहम्मद इस्लाइल को बुलंदशहर के खुर्जा से पकड़ा गया है।वार्ड में प्ले स्टेशन, यूपी में तैयार हो रहा खास तरह का पीडियाट्रिक आईसीयू, जानें क्या कुछ होगा अलग
पूछताछ में इन्होंने बताया कि चारों मूल रूप से म्यामार के रहने वाले हैं और एक संगठित गिरोह के साथ काम करते हैं। यह गिरोह फर्जी आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवा कर पासपोर्ट बनवाते थे और फिर भारतीय पहचान पत्र दिखाकर म्यामार के युवकों को भारत में फैक्ट्रियों में काम दिलाते थे। इसके बदले में इन्हें मोटा कमीशन मिलता था और साथ ही अपने क्षेत्र में इससे इनकी पहचान भी बनती थी।सपा शासनकाल में 70 फीसदी बना पुल आज भी अधूरा, जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे लोग
इनके कब्जे से यूएनएचसीआर कार्ड, तीन मोबाइल फोन, एक म्यामार का पहचान पत्र और फर्जी आधार कार्ड के साथ पासपोर्ट बरामद किए हैं। इनसे कुछ विदेशी मुद्रा भी मिली है। भारतीय निर्वाचन कार्ड भी इनके पास से मिले हैं और प्रमाणपत्र भी मिले हैं।गैंग से मिले हुए हैं भारतीय लोग
एटीएस ने जब पकड़े गए इन चारों युवकों से पूछताछ की तो इनसे हैरान कर देने वाली बातें सामने आई। इस संगठित गिरोह में कई सदस्य हैं और भारतीय लोग भी इनसे जुड़े हुए हैं। म्यांमार में इनका अच्छा खासा नेटवर्क है और यह गिरोह अपने कमीशन के चक्कर में म्यांमार के युवकों को बरगलाता है। युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाकर उन्हें उन्हें भारत लेकर आता है। बाद में यहां गलत तरीके से उनके प्रमाण पत्र बनवाकर उनसे फैक्ट्रियों में काम करवाया जाता है। इस पूरे खेल में इनके साथ भारतीय लोग भी जुड़े हुए हैं। कुछ लोगों के नाम अभी तक सामने आ चुके हैं जिनकी पड़ताल की जा रही है। कुछ सरकारी दफ्तरों में भी ऐसे दलाल सामने आए हैं जो इनके लिए काम करते थे और फर्जी तरीके से इन्हें भारत के कूट रचित प्रमाण पत्र बनाने में इनकी सहायता किया करते थे।
एसपी एसटीएफ बबलू कुमार ने बताया कि अभी पूछताछ में कुछ और नाम सामने आए हैं। जल्द ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। यह गिरोह संगठित तरीके से काम करता है और इनके पास से विदेशी मुद्राएं भी मिली हैं। पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह हवाला कारोबार भी इंटरनेशनल स्तर पर करता है। इस कारोबार में भी कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। मुख्यालय को रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई है। इस पूरे मामले में अभी जांच चल है। जांच में जैसे जैसे तथ्य सामने आते रहेंगे अन्य लोगों पर भी कार्यवाही होती रहेगी।
मलेशिया तक फैला था कारोबार
पकड़े गए आरोपियों का कारोबार मलेशिया तक फैला था यह रोहिंग्या से महिलाओं को भारत और मलेशिया तक बेचते थे। यह बात भी पूछताछ में सामने आई है। इस बारे में भी जांच की जा रही है।
तो अब तक 2000 से अधिक लोग ला चुका गिरोह
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अब तक इस तरह के संगठित गिरोह के माध्यम से करीब 2000 रोहिंग्या भारत में प्रवेश कर चुके हैं। अब इन सभी की तलाश की जा रही है। यह सभी वह लोग हैं जो गलत तरीके से भारत में आए और फिर इन्होंने यहां भारतीय दस्तावेज बनाकर रहना शुरू कर दिया। अब इस गिरोह के सदस्यों के पकड़े जाने के बाद इन सभी लोगों की तलाश तेज कर दी गई है।