
बुलंदशहर. मार्च में होली के मौके पर अपने घर आए बीएसएफ में तैनात दारोगा की हत्या का राज छह माह बाद खुल गया। दारोगा की हत्या उसके अपने ही बेटे ने दोस्त के साथ मिलकर की थी। हत्यारोपी बेटे ने पिता की हत्या के बाद अपनी ही ट्यूबवेल के कुए में लाश को फेंक दिया था। घटना गत 29 मार्च की है। थाना अगौता क्षेत्र के सेगा जगतपुर गांव निवासी रामपाल सिंह बीएसएफ में दारोगा के पद पर तैनात थे। वे छुट्टी लेकर अपने गांव आये थे। जिसके बाद से उनका कोई पता नही चल पाया था।
एसएसपी ने स्वाट टीम को मामले की जांच सौपी थी। स्वाट टीम ने लापता दरोगा के छोटे बेटे हिमांशु ओर उसके दोस्त प्रशांत को गिरफ्तार किया है। हिमांशु ने बताया कि उसने ही अपने दोस्त प्रशांत के साथ मिलकर पिता रामपाल की हत्या की थी। 29 मार्च को रंग खेलकर रामपाल सिंह घर आये। शराब के नशे में धुत पिता की हिमांशु से किसी बात को लेकर तकरार हो गई। हिमांशु ने पिता के सिर में एक डंडा दे मारा, जिससे दरोगा रामपाल की मौत हो गई।
हत्या के बाद हत्यारेापी बेटे हिमांशु ने गांव निवासी दोस्त प्रशांत पुत्र जनम सिंह को बुलाया और शव बाइक पर रखकर ट्यूबेल पर ले गए और कुएं में डाल दिए। गांव के लोगों ने जब रामपाल को बेहोशी की हालत में हिमांशु को ले जाते देखा तो पूछताछ की। हिमांशु ने हालत खराब होने और चिकित्सक को दिखाने की बात कही। जबकि लौटकर कोरोना पाजिटिव आने और गंगा घाट पर दाह संस्कार करने की बात उसने ग्रामीणों को बताई। इतना ही नहीं आरोपी बेटे ने पिता की हत्या के बाद उसकी तेरहवीं भी कर डाली।
बीएसएफ के दारोगा रामपाल ने अपने छोटे भाई वेदप्रकाश को उसकी बेटी की शादी में ढाई लाख रुपये उधार दिया था। हालांकि वेदप्रकाश गांव से अपने हिस्से की जमीन और घर बेचकर बुलंदशहर में रहता है। पिता की हत्या के बाद दोनों बेटों के हाथ वो डायरी लग गई जिसमें ढाई लाख रुपये भाई वेदप्रकाश को दिए जाने की बाबत रामपाल ने लिखा था। दोनों बेटों ने चाचा पर रुपयों का तकादा किया। इससे बौखलाए वेदप्रकाश ने पुलिस कार्यालय में भाई को बरामद करने की गुहार लगाई। उसके बाद पूरा मामला खुल गया।
Updated on:
12 Oct 2021 12:31 pm
Published on:
12 Oct 2021 12:30 pm
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