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कैराना-नूरपुर उपचुनाव में कांग्रेस ने चली ऐसी चाल कि भाजपा के उड़ गए होशबिजनौर बीजेपी पार्टी ने उपचुनाव में नूरपुर विधानसभा से बीजेपी मृतक विधायक लोकेंद्र चौहान की पत्नी अवनि सिंह को इस विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। बीजेपी इस टिकट के घोषणा के बाद इस विधानसभा को लेकर शुरू से मृतक विधायक के पत्नी को टिकट देन के कवायद में जुटी थी। अवनि सिंह एक घरेलू महिला है और इनके 2 बच्चे है। अवनि ग्रेजुएट बताई जा रही है। विधायक की मौत के बाद बीजेपी ने सहानुभूति के तहत इस सीट पर अवनि को टिकट देकर पार्टी के वादे को पूरा किया है। बीजेपी का टिकट अवनि सिंह का घोषित होने के बाद इस विधानसभा सीट पर सभी राजनीति दल के नेता अपने प्रत्यशियों के लिये कुछ दिन में ताबड़तोड़ रेलिया करेंगे।
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कैराना-नूरपुर उपचुनावः 10 मई को भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन में दिग्गज भी दिखाएंगे दमवहीं, बिजनौर के नूरपुर विधान सभा सीट से अभी तक किसी भी प्रत्यशी ने नामांकन नहीं कराया है। बीजेपी से अवनि सिंह और सपा-बसपा व रालोद गठबंधन से नईमूल हसन बुधवार को नामांकन कराने के लिये बिजनौर कलक्ट्रेट आफ़िस में एसडीएम सदर में नामांकन पत्र भरेंगे। इस सीट पर कुल लगभग 3 लाख मतदाता है। इस सीट पर 28 मई को मतदान और 31 मई को मतगणना होगी।
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मदर्स डे से पहले पर ये खबर जरूर पढ़िए, बीमार मां की दवा कराने के लिए सिपाही ने मांगी दाे दिन की छुट्टी ताे एसएसपी ने किया ये काम इस सीट पर लगभग मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 1 लाख 20 हज़ार है और चौहान वोटरों की संख्या 85 हज़ार है । साथ ही इस सीट पर दलित वोट 45 और अन्य समुदाय के 50 हज़ार वोट इस सीट पर भी मौजूद है। इस सीट पर गठबंधन होने के बाद बीजेपी प्रत्यशी को इस सीट पर पिछले चुनाव की अपेक्षा ज्यादा संघर्ष करना पड़ सकता है।इस सीट पर अगर मुस्लिम दलित एक होकर गठबंधन में आधार पर वोट करता है तो बीजेपी प्रत्यशी को सपा प्रत्यशी से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। बहरहाल सपा के नईमूल हसन को इस सीट पर टिकट मिलने पर मुस्लिम वोटर और अपने ही पार्टी का विरोध भी झेलना पड़ा है। बरहाल इस सीट पर कौन जीतेगा और कौन हारेगा इसका पता 31 मई को होने मतगणना के दिन ही पता चल सकेगा। यह भी पढ़ें
शादी से पहले दुल्हा-दुल्हन के लिए ये जांच है जरूरी, नहीं तो बच्चे की हो जाएगी बेवक्त मौतइन दोनों सीटों पर विपक्ष सपा,बसपा,रालोद और कांग्रेस ने संयुक्त उम्मीदवार उतारे हैं, ऐसे में गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के बाद भाजपा के लिए इन दोनों सीटों को भी बचाना मुश्कल लग रहा। लेकिन भाजपा किसी भी हाल में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है। बताया जाता है कि भाजपा के दोनों ही प्रेत्याशी 9 मई को नामांकन फॉर्म भरेंगे। इसके साथ ये भी खबर है कि भाजपा इस दौरान जमकर शक्ति प्रदर्शन करने की योजना बना रही है। बताया जा रहा है कि नामांकन के दौरान भाजपा के कई मंत्री और पदाधिकारी भी शामिल रहेंगे। खास बात ये है कि भाजपा इस चुनाव में अपने दोनों नेताओं के दिवंगत होने के बाद सहानुभूति की लहर के साथ इस चुनावी बैतरनी को पार करना चाहती है। लिहाजा, पार्टी धुव्रीकरण के साथ ही सहानुभीति को भी चुनाव जीतने के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है। यह वीडियो भी देखेंः खेल-खेल में 10 साल की बच्ची ने कर ली आत्महत्या
ये हैं गठबंधन के उम्मीदवार दोनों ही सीटों पर सपा और रालोद ने गठबंधन कर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। कैराना से जहां रालोद की प्रत्याशी तबस्सुम हसन मैदान में हैं। वहीं, नूरपुर से सपा के उम्मीदवार नईमुल हसन मैदान अपनी किस्मत अजमा रहे हैं। बसपा ने इस उपचुनाव से खुद को दूर रखने का ऐलान किया है,लेकिन माना जा रहा है कि वह सपा का समर्थन कर सकती है। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने भी इन दोनों सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने से मना कर गुप्त रूप से रालोद और सपा के उम्मीदवार का समर्थन कर दिया है।
भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न भाजपा गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के बाद कैराना व नूरपुर को खोने का चांस बिल्कुल भी नहीं ले सकती है। दोनों सीटें अब भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई हैं। इसके लिए भाजपा के लगभग दो दर्जन विधायक दोनों उपचुनाव के लिए लगाए गए हैं, जिनमें से कई मंत्री भी हैं।