बता दें कि वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सबसे पहले फूल चुनने की प्रक्रिया की गई। इसके बाद पौत्र संदीप सिंह ने अंतिम संस्कार स्थल पर दीप जलाया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थियों को पांच कलशों में रखा गया। कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह ने बताया कि पांचों कलश की अस्थियों को अलग-अलग स्थानों पर विसर्जित किया जाएगा। इसी कड़ी में सबसे पहले नरौरा गंगा में पहले कलश की अस्थियों को विसर्जित किया गया है। अब बाकी चारों कलश में भरी गईं अस्थियों को अयोध्या, प्रयागराज, काशी और कासगंज में विसर्जित किया जाएगा।
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कल्याण सिंह के नाम होगा लखनऊ कैंसर संस्थान तथा बुलंदशहर मेडिकल कॉलेज एक सितंबर को अरिष्टि बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का 21 अगस्त को लखनऊ में बीमारी के चलते निधन हो गया था। इसके बाद 23 अगस्त को उनके पार्थिव शरीर का बुलंदशहर के नरौरा बसी घाट पर गंगा किनारे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शुक्रवार को उनकी अस्थियों को नरौरा गंगा में विसर्जित किया गया है। अब एक सितंबर को अलीगढ़ में अरिष्टि (तेरहवीं) और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा।
अस्थि विसर्जन के दौरान ये रहे मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की कर्मभूमि पर ही शुक्रवार सुबह अस्थि विसर्जन किया गया। इस दौरान कल्याण सिंह के पुत्र एटा सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया और पौत्र राज्यमंत्री संदीप सिंह के अलावा सौरभ सिंह, बुलंदशहर से सांसद डॉ. भोला सिंह, डिबाई से विधायक डॉ. अनीता लोधी, स्याना विधायक देवेंद्र सिंह लोधी, फर्रुखाबाद सांसद मुकेश राजपूत और नरौरा नगर पंचायत चेयरमैन विवेक वशिष्ठ समेत बड़ी संख्या में परिजन मौजूद रहे। राजवीर सिंह और परिजनों ने स्टीमर में बैठकर गंगा के बीच कल्याण सिंह की अस्थियों को प्रवाहित किया।