मदरसा आधुनिकीकरण का लाभ मदरसा छात्रों को मिलेगा। इसके साथ ही मदरसा शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा। मदरसों में दी जाने वाली उच्च शिक्षा के विषयों के अनुरूप शिक्षकों के पद सृजत किए जाएंगे और उनको रखा जाएगा।
बता दे कि मदरसा बोर्ड सरकार से काफी समय से अपनी मांगों को पूरा करने की आवाज उठा रहा है। इन मांगों में प्रमुख रूप से मदरसों में शिक्षकों की पदोन्नति के अलावा रिक्त पदों को भरने। महिला शिक्षिकाओं, शिक्षणेतर कर्मचारियों को प्रसूति एवं बाल्य देखभाल अवकाश दिए जाने।
मदरसा शिक्षकों को स्थानांतरण की सुविधा प्रदान के अलावा मदरसा शिक्षकों को राज्य कर्मियों की भांति चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा जैसी मांगे शामिल हैं। सरकार ने अब मदरसों की समस्याओं की तरफ ध्यान देना शुरू किया है। जिसके तहत सर्वप्रथम छात्रों की पढ़ाई का स्तर उठाना है। इसी पहल के तहत सरकार ने जिले के सभी मदरसों में छात्रों की स्थिति,पढाई और शिक्षकों का ब्यौरा मांगा है।
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी डॉ. अमृता सिंह ने बताया कि मदरसे आधुनिक शिक्षा से जुड़ेंगे तो शिक्षा रोजगार परक हो जाएगी। इससे युवाओं का विकास होगा और देश समृद्ध होगा। सरकार की नई सोच से मदरसा शिक्षकों में खुशी है। अभी आधुनिक शिक्षा में शामिल होने वाले मदरसों की सूची सरकार ने जारी नहीं की है लेकिन मदरसा शिक्षकों को उम्मीद है कि जिले के एक या दो मदरसों को इसमें स्थान जरूर मिलेगा।
जिले भर में शहर से देहात तक 150 से अधिक पंजीकृत मदरसे संचालित हो रहे हैं। पहले इनमें केवल धार्मिक शिक्षा दी जाती थी लेकिन पिछले कुछ सालों से एनसीआरटीई की पुस्तकें भी पढ़ाई जा रही हैं। अब सरकार ने मदरसों में सेकेंडरी स्तर पर आधुनिक शिक्षा शुरू करने की योजना बनाई है। नए शैक्षिक सत्र में आधुनिक शिक्षा का शुभारंभ हो सकता है। इसमें एनआइओएस के तहत विद्यार्थियों को दसवीं की शिक्षा और परीक्षा दिलाई जाएगी। मदरसा शिक्षकों का कहना है कि एक या दो मदरसे भी आधुनिक शिक्षा से जुड़े तो सैकड़ों बच्चों का भविष्य सुनहरा हो जाएगा।