10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जुमे के दिन मस्जिदें रहीं सुनसान, लोगों ने घरों में ऐसे अदा की नमाज

प्रशासन के साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी जारी की थी एडवाइजरी

less than 1 minute read
Google source verification
centalmahallujamaath11-1579605601.jpg

बुलंदशहर. कोरोना वायरस की वजह से देशभर में किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर शुक्रवार को बुलंदशहर की मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा नहीं की गई। जुमे के दिन हजारों लोगों से खचाखच भरी रहने वाली मस्जिदों में सन्नाटा पसरा रहा। यहां सिर्फ मस्जिद के इमाम (नमाज पढ़ाने वाले मौलाना) और मुअज्जिन (अजान देने वाला शख्स) ही नजर आए। दरअसल, भारत सरकार के लॉकडाउन के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सलाह पर सभी मस्जिदों से लोगों को घर पर रह कर नमाज अदा करने की अपील की गई थी। यही वजह है कि जुमे के मौके पर कोरोना वायरस के मद्देनजर मुस्लिम समाज के लोगों ने जुमे की नमाज मस्जिदों के बजाय अपने-अपने घरों में ही अदा की।

यह भी पढ़ें: Lockdown के बीच बंद पड़े फुटवियर शॉप में लगी भीषण आग

गौरतलब है कि बाकायदा मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मस्जिद के बाहर पहले से ही जुमे की नमाज नहीं होने की सूचना नोटिस की शक्ल में चस्पा कर दिया था। इसलिए नमाजियों ने मस्जिदों की तरफ रुख नहीं किया और जुमे की नमाज अपने घरों पर अदा की।

यह भी पढ़ें: Lockdown के बीच सड़क पर लगा दिया लोगों ने सब्जी बाजार, जमकर हजारों लोगों ने की खरीदारी

दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर मस्जिद की इनतज़ामिया कमेटियों को डीएम एसएसपी ने एडवाइजरी जारी की थी। अडवाइजरी में साफ था कि किसी भी सूरत में लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं होगा। बाकायदा डीएम और एसएसपी ने मुस्लिम स्कॉलर्स से बात की और उनको समझाने में काफी हद तक कामयाब भी रहे। नतीजतन नमाजियों ने शुक्रवार को मस्जिदों के बजाय अपने-अपने घरों पर नमाज पढ़ना मुनासिब समझा।


बड़ी खबरें

View All

बुलंदशहर

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग