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बताते चलें कि कोतवाली क्षेत्र के गांव सांखनी निवासी आगाज का दूसरे नम्बर का 23 वर्षीय पुत्र अशफाक दिल्ली के मुस्तफाबाद में फ्रिज और एसी मैकेनिक का काम करता था। परिजनों के मुताबिक मंगलवार की देर शाम काम से वापस लौटते समय मुस्तफाबाद हिंसा के दौरान बवाल कर रहे दंगाइयों ने अशफाक को सीने और सिर में गोली मार दी। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसी दौरान गांव के ही डाबर हुसैन के पुत्र सखी हसन को भी दंगाइयों ने चेहरे पर गोली मारकर बुरी तरह घायल कर दिया। जिसका इलाज दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में चल रहा है। चिकित्सकों ने घायल युवक की हालत गम्भीर बताई है। समाचार लिखे जाने तक अशफाक के शव का पोस्टमॉर्टम भी जीटीबी ने जारी कर दिया है। युवक की मौत की खबर सुनते ही मृतक की पत्नी तस्लीम फ़ातिमा बेहोशी हो गई। बता दें कि मृतक अशफाक की महज 12 दिन पहले 14 फरवरी को शादी हुई थी।
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जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने बताया कि बुलंदशहर में दो लोगों की गोली लगने से दिल्ली में मौत हुई है। परिवार को सूचना प्राप्त हुई है। घटना की सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पुलिस भी तैनात कर दी गई है। इससे पहले सोमवार की शाम को दानपुर क्षेत्र के भीमपुर दोराहे निवासी शाहिद की गोली लगने से मौत हो गई थी। जैसे ही इस घटना का पता परिजनों को लगा तो घर में कोहराम मच गया। शाहिद पांच भाई बहनों में सबसे छोटा था। उसकी तीन माह पहले ही बुलंदशहर के रायपुर गांव से शादी हुई थी।
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बताया जाता है कि वह दिल्ली में जाफराबाद में रहकर टेंपू चलाकर अपने परिवार का पालन कर रहा था। शाहिद दो सप्ताह पहले ही गांव घूमकर गया था और हर दिन अपने परिवार से फोन पर बात करता था। सोमवार की सुबह भी उसकी अपने परिजनों से बातचीत हुई थी। लेकिन देर शाम परिजनों को उसके घायल होने की सूचना मिली, जिसके बाद परिजन दिल्ली पहुंचे तो पता चला कि गोली लगने से उसकी मौत हो चुकी है। फिलहाल, परिजन शव आने का इंतजार कर रहे हैं। घटना के बाद घर पर ग्रामीणों की भीड़ लगी है। इस मामले में मृतक के चाचा अल्लाह नूर ने बताया कि वह घर पर था और वहां जो झगड़ा हो रहा था। उसको ये देख रहा था। इसको पता नहीं कैसे गोली लग गई। उधर, एहतियात के तौर पर डिबाई खुर्जा आदि थानों की पुलिस भी मौके पर तैनात कर दी गई है और डीएम एसएसपी भी नजर रखे हुए हैं।