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Exclusive: Khurja में रोज शाम को 6 बजे शुरू हो जाती है पुलिस वाली मैडम की क्‍लास, पुलिस अधिकारी भी करते हैं तारीफ- देखें वीडियो

Khurja Dehat थाने में तैनात सिपाही गुड्डन चौधरी ड्यूटी के बाद पढ़ाती हैं बच्‍चों को UP Police Constable अपनी सैलरी का 30 फीसदी हिस्‍सा खर्च करती हैं बच्‍चों की कॉपी-किताबों पर तंबुओं और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के बच्चे हैं पुलिस वाली मैडम के स्‍टूडेंट्स

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Khurja Police

Exclusiev: Khurja में क्‍लास लेती हैं पुलिस वाली मैडम, पुलिस अधिकारी भी करते हैं तारीफ- देखें वीडियो

वरुण शर्मा, बुलंदशहर। Khurja में पुलिस वाली मैडम की क्‍लास काफी लोकप्रिय हो रही है। क्‍लास में अब दिन प्रतिदिन स्‍टूडेंट्स की संख्‍या भी बढ़ती जा रही है। आम आदमी ही नहीं बल्कि पुलिस अधिकारी भी उनकी क्‍लास की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। हम बात कर रहे हैं Khurja Dehat थाने में तैनात up policeconstable गुड्डन चौधरी की।

गरीब बच्‍चों के लिए बनीं वरदान

गुड्डन चौधरी को करीब छह माह पहले Khurja Dehat थाने में तैनाती मिली थी। पुलिस वाली मैडम के नाम से मशहूर हो चली यह महिला पुलिसकर्मी गरीब बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। खुर्जा में करीब तीन दर्जन से भी ज्यादा बच्चों को गुड्डन रोज ड्यूटी के बाद पढ़ाती हैं। बच्‍चों के लिए वह अपने आराम के समय में भी वक्‍त निकालती हैं। वह ऐसे बच्‍चों को पढ़ाती हैं, जिनका स्‍कूल में एडमिशन नहीं हो पाता है। इतना ही नहीं वह उन बच्‍चों को किताबें और कॉपी भी मुहैया कराती हैं।

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परिवार अदा करते हैं शुक्रिया

पुलिस वाली मैडम के स्‍टूडेंट्स सड़क किनारे तंबुओं और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के बच्चे हैं। गुड्डन बच्चों को ना सिर्फ शिक्षा देती हैं, बल्कि उन्हें समय-समय पर खुद ही किताबें भी देती हैं। इसके लिए वह अपनी सैलरी का 30 फीसदी हिस्‍सा बच्‍चों पर खर्च कर देती हैं। गरीब बच्‍चों के परिवार उनका शुक्रिया अदा करते देखे जा सकते हैं।

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हाथरस की रहने वाली हैं गुड्डन

गुड्डन हाथरस की रहने वाली हैं। करीब 6 माह पहले थाना Khurja Dehat में तैनाती पाने के बाद उन्होंने पड़ताल की थी। इसमें उन्‍हें पता चला कि कई बच्चे विद्यालय नहीं जा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने उनको एक साथ बैठाकर पढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे कारवां बढ़ता गया और अब काफी संख्‍या में बच्चे पढ़ने आते हैं। उनका कहना है क‍ि खुर्जा देहात में उनकी पोस्टिंग है। सर्विस से पहले भी वह घर पर गरीब बच्‍चों को पढ़ाती थी। 2016 के बाद उनको नौकरी मिली। यहां पर ड्यूटी के बाद आकर वह बच्‍चों को पढ़ाती हैं। जो बच्‍चे अपनी फीस नहीं दे सकते हैं, उनको वह फ्री में शिक्षा देना चाहती हैं। वह सबका विकास और सबका साथ चाहती हैं। उन बच्‍चों को सरकारी स्‍कूल में प्रवेश दिलाने की भी वह कोशिश कर रही हैं। इसके लिए उन्‍होंने प्रिंसिपल से भी मुलाकात की है। बच्‍चों के एडमिशन के लिए वह अभिभावकों के आधार कार्ड भी बनवा रही हैं।

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यह कहते हैं पुलिस वाली मैडम के स्‍टूडेंट्स

पुलिस वाली मैडम की क्‍लास के छात्र राहुल का कहना है क‍ि वह झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं। पुलिस वाली मैडम रोज शाम को 6 बजे आती हैं और उनको पढ़ाती हैं। दीपा ने कहा कि पुलिस वाली मैडम रोज पढ़ाने आती हैं। कॉपी और किताबे भी वह ही देती हैं। अभिभावक आशा देवी का कहना है क‍ि वे सड़क पर रहते हैं। उनके बच्‍चे का एडमिशन नहीं हुआ। स्‍कूल में आधार कार्ड मांगा जाता है, जो उनके पास नहीं है। एक अन्‍य अभिभावक मोहर सिंह ने बताया कि वह झुग्‍गी-झोपड़ी में रहते हैं। उनके बच्‍चों को पुलिस वाली मैडम पढ़ाती हैं। उनके पास आधार कार्ड नहीं हैं। इस कारण उनके बच्‍चों को स्‍कूल में एडमिशन नहीं हुआ।

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