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कला, शिल्प और संस्कृति का संगम, उद्योग एवं हस्तशिल्प मेले का हुआ श्रीगणेश

राजस्थान की सांस्कृतिक नगरी बूंदी में ’बूंदी महोत्सव 2025’ के कार्यक्रमों की कड़ी में रविवार को कुंभा स्टेडियम में उद्योग एवं हस्तशिल्प मेले का शुभारंभ हुआ।

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बूंदी

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pankaj joshi

Nov 10, 2025

कला, शिल्प और संस्कृति का संगम, उद्योग एवं हस्तशिल्प मेले का हुआ श्रीगणेश

बूंदी के कुभा स्टेडियम में सेंड आर्ट से बनाई गई आकृतियां।

बूंदी. राजस्थान की सांस्कृतिक नगरी बूंदी में ’बूंदी महोत्सव 2025’ के कार्यक्रमों की कड़ी में रविवार को कुंभा स्टेडियम में उद्योग एवं हस्तशिल्प मेले का शुभारंभ हुआ। मेले का उद्घाटन जिला कलक्टर अक्षय गोदारा, पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा एवं नगर परिषद सभापति सरोज अग्रवाल ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रांतों से आए कारीगरों का हुनर और सेंड आर्ट मुख्य आकर्षण का केंद्र रहें। जिला कलक्टर अक्षय गोदारा ने मेले में सजी स्टॉलों का बारीकी से अवलोकन किया और स्थानीय कारीगरों के हुनर की प्रशंसा की।

उन्होंने लाख की चूड़ियां बनाने के प्रदर्शन को सराहा और कारीगरों से इसे बनाने में प्रयुक्त सामग्री व प्रक्रिया की जानकारी ली। कारीगरों ने मौके पर ही जिला कलक्टर को लाख की चूड़ी बनाकर दिखाई। बड़ानयागांव के एक किसान द्वारा पत्थरों को तराश कर बनाई गई खूबसूरत मूर्तियों को देखकर वे प्रभावित हुए और मूर्ति निर्माण की प्रक्रिया को जाना। ठीकरदा गांव से आए एक ग्रामीण द्वारा चाक पर बनाई जा रही मिट्टी की मटकियों का भी उन्होंने अवलोकन किया। जिला कलक्टर ने मेले में प्रदर्शित ऑर्गेनिक शहद का रस्सास्वादन भी किया।

रेत पर बूंदी की धरोहरों को सराहा
मेले का मुख्य आकर्षण पुष्कर से आए सेंड आर्टिस्ट का काम रहा। कलाकार ने रेत पर बूंदी की ऐतिहासिक धरोहरों और समसामयिक विषयों को खूबसूरती से उकेरा। कलाकार ने सुखमहल, चौरासी खभों की छतरी, हाथीपोल, हाड़ी रानी के त्याग, रामगढ़ सेंचुरी के टाइगर के साथ-साथ महाराणा प्रताप, वंदे मातरम @150 भारत के नक्शे को रेत पर जीवंत कर दिया। मेले में विभिन्न राज्यों के व्यापारियों और स्वयं सहायता समूहों ने लगभग 200 दुकानें सजाई हैं।