
कोरोना इफेक्ट: कजली तीज मेले पर फिर संकट
कोरोना इफेक्ट: कजली तीज मेले पर फिर संकट
तीज नौ दिन बाद 25 अगस्त की होगी, प्रारंभिक तौर पर मेला नहीं भराने का निर्णय
नगर परिषद सभा भवन में होगी तीज माता की पूजा-अर्चना
बूंदी. कोरोना संकटकाल के चलते इस बार भी ‘छोटीकाशी’ बूंदी के ऐतिहासिक कजली तीज मेले पर संकट खड़ा हो गया। तीज माता की शहर में सवारी देखने को नहीं मिलेगी। तीज नौ दिन बाद 25 अगस्त की होगी। इस दिन तीज माता की नगर परिषद भवन परिसर में पूजा-अर्चना की जाएगी।
भीड़ न हों इसको देखते हुए राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार नगर परिषद की ओर से कजली तीज के मेले की तैयारियां नहीं की गई। यह लगातार दूसरा वर्ष होगा जब आमजन बूंदी में तीज मेले से मरहूम रहेगा।
शहर की सडक़ों से होकर गुजरने वाली तीज माता की शाही सवारी देखने को नहीं मिलेगी। साथ ही बाजार के कारोबार पर भी असर बना रहेगा। यहां कारोबारियों को पन्द्रह दिन तक चलने वाले इस मेले का सालभर इंतजार रहता है।
सुरक्षा को प्राथमिकता, तीसरी लहर का भय
कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए भीड़ नहीं जुटे, इसके लिए प्रारंभिक तौर पर मेले का आयोजन नहीं करने का निर्णय किया है। मेले में प्रतिदिन बीस से 35 हजार लोगों की भीड़ जुटती है। यही हाल दो दिन तक निकलने वाली ऐतिहासिक सवारी की रहती है। ऐसे में कोविड का फिर से प्रसार नहीं हो।
बाजार पर आएगा असर
राखी के त्योहार के साथ ही बूंदी में कजली तीज का पन्द्रह दिन तक भरने वाला मेला बूंदी के दुकानदार ही नहीं बल्कि देशभर के लोगों को रोजगार देता है। मेले में डेढ़ सौ से दो सौ दुकानें लगती है। जिलेभर के लोगों के आने से बूंदी शहर का बाजार भी चल पड़ता है। पिछले वर्ष के बाद अब इस वर्ष भी मेला नहीं भरने से दुकानदारों को मायूसी झेलनी पड़ेगी। यहां मेले की तैयारियां नगर परिषद और दुकानदार एक माह से पहले से करने लग जाते हैं।
दो दिन निकलती है तीज माता की सवारी
बूंदी में दो दिनों तक परम्परागत शाही ठाठबाठ से तीज माता की सवारी निकाली जाती है। बालचंद पाड़ा मंशापूर्ण गणेश मंदिर से पूजा-अर्चना के साथ ही सवारी शुरू होती है। जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए मेला स्थल कुंभा स्टेडियम पहुंचती है। सवारी के दौरान हैरतअंगेज करतब, अखाड़े सहित कई लोक कलाकार शामिल होते हैं। तीज माता की पालकी यहां सभी धर्मों के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होती है।
नगर परिषद के बचेंगे 1 करोड़, 25 करोड़ की कमाई पर ग्रहण
मेला नहीं भरने से बूंदी नगर परिषद के करीब 1 करोड़ रुपये बचेंगे। इधर, मेले में आने वाले दुकानदार और शहर के बाजार में करीब 25 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन रहेगा। स्टेट टाइम से चले आ रहे इस महोत्सव में जिलेभर से लोग आते हैं। जो मेले के साथ-साथ बाजार में भी खरीदारी करते हैं। जानकारों ने बताया कि मेला नहीं भरने से करीब 25 से 30 करोड़ रुपये के कारोबार का असर आएगा।
तीज का मेला भरेगा या नहीं इसको लेकर फिलहाल कोई निर्देश नहीं मिले हंै। राज्य सरकार की गाइड लाइन की पालना की जाएगी। कोविड-19 के चलते नगर परिषद सभाभवन में ही शाही ठाठबाठ से तीज माता की पूजा-अर्चना की जाएगी। अभी भीड़भाड़ वाले आयोजन नहीं हो रहे।
महावीर सिंह सिसोदिया, आयुक्त, नगर परिषद, बूंदी
Published on:
17 Aug 2021 07:14 pm
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