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मशीनें लगाकर रात-रातभर मिट्टी निकाली, अब बांध में सीपेज की बनी रहेगी आशंका

हाड़ौती का गोवा के नाम से पहचान बना चुके डेढ़ सौ साल पुराने बरधा बांध की सुरक्षा का मुद्दा गर्मा गया। यहां बांध के पेटे से निकाली सैकड़ों डम्पर मिट्टी के बाद किसानों और आमजन का गुस्सा कम नहीं हो रहा। भाजपा नेता जितेन्द्र सिंह हाड़ा एवं रमेश हाड़ा ने इस मसले में दखल के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजा है।

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बूंदी

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pankaj joshi

Jul 07, 2021

मशीनें लगाकर रात-रातभर मिट्टी निकाली, अब बांध में सीपेज की बनी रहेगी आशंका

मशीनें लगाकर रात-रातभर मिट्टी निकाली, अब बांध में सीपेज की बनी रहेगी आशंका

मशीनें लगाकर रात-रातभर मिट्टी निकाली, अब बांध में सीपेज की बनी रहेगी आशंका
पत्र की प्रति प्रमुख शासन सचिव व पुलिस महानिदेशक को भी भेजी
बूंदी. हाड़ौती का गोवा के नाम से पहचान बना चुके डेढ़ सौ साल पुराने बरधा बांध की सुरक्षा का मुद्दा गर्मा गया। यहां बांध के पेटे से निकाली सैकड़ों डम्पर मिट्टी के बाद किसानों और आमजन का गुस्सा कम नहीं हो रहा। भाजपा नेता जितेन्द्र सिंह हाड़ा एवं रमेश हाड़ा ने इस मसले में दखल के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजा है।
पत्र में दोनों नेताओं ने बताया कि बांध ब्रिटिश गवर्नर ने सिंचाई के लिए बनाया था। बांध से आज भी दो दर्जन से अधिक गांवों के काश्तकारों के खेतों में सिंचाई होती है। यहां रात होते ही खनन माफिया सक्रिय हो रहे हैं। मिट्टी निकालने के बाद गहरी खाइयां हो गई। बड़ी मशीनें लगाकर रात-रातभर मिट्टी निकाली, जिससे बांध में सीपेज की आशंका बन गई। पत्र में बताया कि इस मामले में आस-पास के किसान लगातार अवैध खनन की जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी देते रहे, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। काश्तकारों ने बूंदी पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किए, तब मिट्टी खनन थमा। पत्र में बताया कि मिट्टी खनन करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ लिखित में शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने इनके खिलाफ नामजद प्रकरण दर्ज नहीं किया। इस बांध की मिट्टी कोटा ले जाई गई, ऐसे में सेंपल लेकर जांच हो। बाद में संबंधित ठेकेदारों पर बिना एसटीपी मिट्टी खोदने के मामले में कार्रवाई करने के साथ-साथ वसूली की जाए।
बांध के नजदीक क्रेशर लगाने की भी पत्र में जानकारी दी गई। क्रेशर से बांध को सीधे तौर पर नुकसान होगा। साथ ही बताया कि क्र्रेशर के लिए बांध के भीतर से बिजली के पोल लगाने की तैयारी हो रही बताई, जिससे यहां आने वाले सैकड़ों पर्यटकों के जीवन पर खतरा रहेगा। पत्र की प्रति प्रधानमंत्री कार्यालय, प्रमुख शासन सचिव, पुलिस महानिदेशक एवं पर्यावरण विभाग को भी भेजी गई।