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यहां खेलते हैं रक्षाबंधन के आठ दिन पहले से परम्परागत खेल

कस्बे में 80 वर्षों से चली आ रही नारियल फेंक प्रतियोगिता आज भी जारी है। यह प्रतियोगिता हर वर्ष रक्षाबंधन से आठ दिन पूर्व शुरू होती है और रक्षाबंधन के दिन खत्म हो जाती है।

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बूंदी

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pankaj joshi

Aug 18, 2021

यहां खेलते हैं रक्षाबंधन के आठ दिन पहले से परम्परागत खेल

यहां खेलते हैं रक्षाबंधन के आठ दिन पहले से परम्परागत खेल

यहां खेलते हैं रक्षाबंधन के आठ दिन पहले से परम्परागत खेल
नारियल फेंक प्रतियोगिता, जो 80 वर्ष बाद भी है जारी
आठ दिन तक चलता है यह खेल
नोताड़ा. कस्बे में 80 वर्षों से चली आ रही नारियल फेंक प्रतियोगिता आज भी जारी है। यह प्रतियोगिता हर वर्ष रक्षाबंधन से आठ दिन पूर्व शुरू होती है और रक्षाबंधन के दिन खत्म हो जाती है। इसमें दो पक्ष होते हैं, जो पानी का नारियल फेंकने की शर्तें निर्धारित करते हैं। ग्रामीण बृजमोहन साहू, राधेश्याम जंगम, कल्याण मेहर आदि ने बताया कि यह परम्परा करीब 80 वर्षों से चली आ रही है और आज भी कायम है। रक्षाबंधन से आठ दिन पहले से ही लोगों का जमावड़ा लग जाता है और दिनभर समूह बनाकर नारियल फेंकते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि युवाओं को नारियल फेंकते देखकर बुजुर्गों में भी उत्साह आ जाता है और मूंछों के ताव लगाकर मैदान में आ डटते हैं।
आधा किमी का होता है दायरा
नारियल फेंकने के लिए करीब आधा से एक किमी का दायरा रखा जाता है। जहां पर चार या पांच बार में फेंककर पहुंचाया जाता है। इस बार सत्यनारायण भगवान के मन्दिर से चार बार में तालाब में नारियल पहुंचाने की शर्त रखी गई है।
यह रहे विजेता
मंगलवार को दूसरे दिन की प्रतियोगिता में हंसराज गोचर, जगदीश मीणा, मनोज साहू, अशोक कालबेलिया, राजू कालबेलिया विजेता रहे।
कोई नहीं मानते बुरा
नारियल फेंकते वक्त लोग एक तरफ हट जाते हैं, लेकिन फिर भी किसी के मकानों में चले जाए तब भी कोई बुरा नहीं मानते। लोग बजरंगबली का जयकारा लगाकर उत्साह बढ़ाते रहे।