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अब ऑनलाइन पढ़ेंगे विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी

विशेष आवश्यकता वाले (मूक बधिर) विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग अब उन्हें समर्थ बनाएगी। सामान्य विद्यार्थियों के लिए शुरू किए गए स्माइल की तर्ज पर अब विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं के लिए स्पेशल लर्निंग कार्यक्रम तैयार किया गया है, ताकि दिव्यांग बालक-बालिकाओं का शिक्षण कार्य बाधित न हो और अच्छी तरह अध्ययन कर सके।

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बूंदी

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pankaj joshi

Jul 05, 2021

अब ऑनलाइन पढ़ेंगे विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी

अब ऑनलाइन पढ़ेंगे विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी

अब ऑनलाइन पढ़ेंगे विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी
पढ़ाई के लिए हर जिले में बनेे त्रि-स्तरीय सोशल ग्रुप
पढ़ाई बाधित ना हो इसके लिए शुरू किया लर्निंग कार्यक्रम
बूंदी. विशेष आवश्यकता वाले (मूक बधिर) विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग अब उन्हें समर्थ बनाएगी। सामान्य विद्यार्थियों के लिए शुरू किए गए स्माइल की तर्ज पर अब विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं के लिए स्पेशल लर्निंग कार्यक्रम तैयार किया गया है, ताकि दिव्यांग बालक-बालिकाओं का शिक्षण कार्य बाधित न हो और अच्छी तरह अध्ययन कर सके। इस कार्यक्रम के तहत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने, कार्य देने आदि के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ ही अलग-अलग कैटेगिरी के बच्चों के लिए खाका दिया जा रहा है। हर प्रकार के बच्चों के पाठ्यक्रम तैयार कर वीडियो के माध्यम से पहुंचाए जा रहे हैं। इसमें मुख्य कैटेगिरी मूक बधिर, मानसिक कमजोर, दृष्टि बाधित श्रेणी है। मूक बधिर विद्यार्थी को साइन लैग्वेज, दृष्टि बाधित को ब्रेललिपी तथा मानसिक कमजोर विद्यार्थियों को बिहेवियर थैरेपी से शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है।
कोविड-19 के चलते पिछले 15 महिनों से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। वहीं विशेष शिक्षा से जुड़े छात्र-छात्राओं के लिए भी सुचारू शिक्षण एक चुनौती बना हुआ था। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के लिए समर्थ अभियान शुरू किया है। विभाग ऐसे विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए बड़े स्तर पर ब्रेल लिपी व साइन लैग्वेज में कक्षा एक से बारहवीं तक के लिए इ-कंटेंट तैयार करवा रहा है। गौरतलब है कि पिछले दिनों ही शिक्षा मंत्रालय ने ई-विद्या योजना के अन्तर्गत दिव्यांग बच्चों के लिए ऑनलाइन, डिजिटल, ऑन-एयर शिक्षण में समानता लाने के उद्देश्य से एक गाइडलाइन भी जारी की है।
इन दिशाओं में हो रहा काम
नामांकन अभियान-प्रदेशभर में सामान्य बच्चों के साथ विशेष विद्यार्थियों को भी सरकारी स्कूलों से जोडऩे के लिए विशेष नामांकन अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए विशेष शिक्षक और सामान्य शिक्षक निर्धारित क्षेत्रों के पीइइओ, वार्ड पंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि से संपर्क कर ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूलों से जोड़ रहे हैं।
स्माइल गु्रप के अलावा है समर्थ गु्रप
दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के सभी जिलों में अलग से सोशल मीडिया गु्रप बनाए गए हैं। इनमें नियमित रूप से अलग-अलग कक्षा व विषयवार कंटेंट भेजा जा रहा है। इसके साथ ही बच्चों को नियमित रूप से गृह कार्य भी दिया जाएगा।
वीडियो लाइब्रेरी पर एक क्लिक से पूरी जानकारी
मूक बधिर सहित अन्य श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए वीडियो लाइब्रेरी भी तैयार कराई जा रही है। इसमें कक्षा एक से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को यदि ई-कक्षा के बाद भी कोई शंका रहती है तो वह एक क्लिक पर पूरी जानकारी ले सकता है।
यह मिलती है सुविधा, नामांकन बढ़ाने के प्रयास
राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग बालक-बालिकाओं को सरकार की ओर से कई सुविधा भी दी जा रही है। जिले के विशेष आवश्यकताओं वाले बालक-बालिकओं को इस वर्ष ट्रांसपोर्ट भत्ता 566, एस्कोर्ट भत्ता 379 व स्टाईपेंड भत्ता 132 बालिकाओं को मिलता है। वहीं अब तक 176 बालक-बालिकाओं को गत सत्र में अंग उपकरण किए गए है।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के दिशा-निर्देश पर विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं की पहचान कर उन्हें शिक्षा की मुख्यद्वारा से जोडऩे के लिए विशेष प्रयास अभियान चलाया जा रहा है। जिले एवं ब्लॉकवार एवं पीईईओ स्तर पर सोशल मीडिया गु्रप तैयार किए जा रहे है, ताकि दिव्यांग बालक-बालिकाओं को शिक्षण कार्य करवाकर मुख्यद्वारा से जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ.महेश गोस्वामी, सह नोडल प्रभारी, मिशन समर्थ कार्यक्रम एवं समावेशित शिक्षा समन्वयक, समग्र शिक्षा, बूंदी
कोविड-19 संक्रमण के दौरान दिव्यांग बालक-बालिकाओं को पाठ्यक्रम अनुसार सुलभ शिक्षा देने के लिए मिशन समर्थ योजनान्तर्गत कक्षावार पाठ्य सामग्री तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर विशेष शिक्षा के शिक्षकों को अध्यापन के लिए सामग्री पहुंचाई जा रही है। इससे बूंदी जिले में सक्रिय पांच गु्रप बना दिए गए हैं। जिससे कार्यक्रम का सफलत संचालन हो रहा है।
राजेंद्र कुमार भारद्वाज, कार्यक्रम अधिकारी, समावेशित शिक्षा, बूंदी