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चार माह से अमरत्या और बालोला के नहीं बन रहे लोगों के प्रमाण पत्र

नगरपालिका हिण्डोली में शामिल राजस्व गांव अमरत्या- बालोला को अप्रैल माह में स्वायत्त शासन विभाग द्वारा नगरपालिका से पृथक करने के आदेश के बाद यहां के लोग जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, रजिस्ट्री सहित कोई कार्य नहीं रहा है, जिससे यहां के लोगों में नाराजगी व्याप्त है।

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चार माह से अमरत्या और बालोला के नहीं बन रहे लोगों के प्रमाण पत्र

हिण्डोली नगर पालिका

हिण्डोली. नगरपालिका हिण्डोली में शामिल राजस्व गांव अमरत्या- बालोला को अप्रैल माह में स्वायत्त शासन विभाग द्वारा नगरपालिका से पृथक करने के आदेश के बाद यहां के लोग जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, रजिस्ट्री सहित कोई कार्य नहीं रहा है, जिससे यहां के लोगों में नाराजगी व्याप्त है।
जानकारी अनुसार 2 वर्ष पूर्व हिण्डोली ग्राम पंचायत को क्रमोन्नत कर नगरपालिका घोषित किया था। उसे दौरान नगर पालिका में अमरत्या, बालोला सहित पास के गांव भी शामिल थे, लेकिन गांव के लोगों ने अमरत्या को अलग से ग्राम पंचायत बनाने के चक्कर में सरकार से मांग की जिस पर स्वायत्त शासन विभाग द्वारा अप्रैल माह में आदेश जारी कर हिण्डोली नगर पालिका से अमरत्या और बालोला को पृथक करने के आदेश जारी किए थे। उसके बाद से दोनों गांव का कोई धणी धोरी नहीं रहा।

गांव के लोगों ने बताया अब मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए नगर पालिका जाते हैं तो वे कहते हैं हिण्डोली में अमरत्या नहीं जुड़ा है। तहसील कार्यालय या पंचायत समिति जाते है तो वहां से भी जवाब नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में दोनों गांवों के लोग काम के लिए भटक रहे हैं।

अतिवृष्टि का मुआवजा में भी आ रही हैं परेशानी
पंचायत समिति के पूर्व उप प्रधान ऋतुराज पारीक एवं परमेश्वर सैनी ने बताया कि इस बार अतिवृष्टि के चलते किसानों की फसलें खराब हुई है लेकिन यहां पर दोनों गांवों का नाम पोर्टल पर नहीं होने से किसानों को मुआवजा को लेकर भी परेशानी है।
जब से अमरत्या व बालोला को हिण्डोली नगरपालिका से पृथक किया गया है। तभी से यहां के लोगों कई सुविधाएं बंद हो गई है। प्रमाण पत्र बनाने के लिए नगरपालिका के चक्कर काट रहे हैं। ऐसे में यहां के लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

स्वास्थ्य शासन विभाग द्वारा चार माह पूर्व हिण्डोली से दोनों गांवो को अलग करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन इन गांवों को किसी में नहीं जोड़ा। ऐसे में यहां के लोग काम के लिए भटक रहे हैं, लेकिन उनके पास यहां का नाम नहीं होने से चक्कर काटना पड़ रहा है। समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने जिला कलक्टर से लेकर डायरेक्टर को चि_ी पत्री भेजी है, लेकिन अब तो कोई जवाब नहीं मिला है। यहां के किसानों के काम अटके हुए हैं।
जितेंद्र मीणा, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका हिण्डोली