
बूंदी. सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील योजना के तहत परोसे जाने वाले पोषाहार का प्रभाव अब एक ही शिक्षक के पास नहीं रहेगा। हर साल शिक्षण सत्र बदलने के साथ ही पोषाहार प्रभारी को भी बदला जाएगा। अब प्रभारी तृतीय श्रेणी के शिक्षक ही होंगे।
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राज्य मिड-डे मिल आयुक्त ने हाल ही जिला शिक्षा अधिकारियों को उनके अधीनस्थ स्कूलों के संस्था प्रधानों को इसकी पालना करने के निर्देश दिए हैं। पोषाहार प्रभारी बनाए जाने बदलने के लिए संस्था प्रधानों को रिकॉर्ड भी रखना होगा। इसमें प्रतिवर्ष प्रभारी रहे शिक्षकों का लेखा होगा। कब-कब कौनसे शिक्षक प्रभारी रहे किस के पास मिड-डे मील का चार्ज रहा है।
निदेशालय के आदेशों में इसी सत्र से प्रभारियों की बदली कर संबंधित शिक्षक को इसकी सूचना देनी होगी। आयुक्त के निर्देशों की पालना में जिला शिक्षा अधिकारियों ने संस्था प्रधानों को इसकी पालना के आदेश भी जारी कर दिए है।
इसलिए किया गया बदलाव-
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लम्बे समय से एक ही शिक्षक के पास जिम्मेदारी होने से वह इसे बोझ समझने लग गए थे। वहीं दूसरे शिक्षक मिड डे मील का प्रभार लेने से मना करते रहते है। कई स्थानों पर संस्था प्रधानों के पास प्रभार होने से उन्हें प्रशासनिक कार्य करने में परेशानी आती है। इसी के चलते विभाग ने इसमें बदलाव किया है। जिससे एक शिक्षक पर ही मिड डे मील कार्य को संभालने का भार नहीं रहने के साथ ही गड़बडिय़ों को रोका जा सके।
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जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक तेजकंवर ने बताया की राजकीय स्कूलों में बनने वाले पोषाहार के प्रभारियों को बदलने के आदेश प्राप्त हुए है। जो इसी सत्र से लागू होंगे। प्रभारी का दायित्व अब तृतीय श्रेणी को दिया जाएगा। इससे पारदर्शिता भी बनी रहेगी ।
Published on:
03 May 2018 01:12 pm
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