समर्थन मूल्य पर ऑन लाइन पंजीकरण शुरू होने के दौरान किसानों ने ई मित्र केंद्रों पर जाकर चने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवा लिया और टोकन कटा चुके हैं, जिससे अब किसान मोबाइल पर मिले मैसेज के अनुसार निर्धारित दिन को उपज लेकर खरीद केंद्र पर पहुंच रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन रिकार्ड में अन्य फसल होने से समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं हो रही है और किसानों को वापस लौटना पड़ रहा है।
केशवरायपाटन पंचायत समिति क्षेत्र में करीब 31 गांव अब तक ऑफलाइन होने से इन गांवों के किसानों की उपज ऑफलाइन गिरदावरी पर खरीद की जा रही है, लेकिन शेष अन्य गांवों में राजस्व रिकार्ड ऑनलाइन हो चुका है और ऑनलाइन गिरदावरी में दर्ज उपज के रिकॉर्ड अनुसार ही समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है, जिसके चलते खरीद केंद्र पर प्रतिदिन चार से पांच किसान बिना खरीद के वापस लौट रहे हैं।
किसानों का कहना है कि नियमों संशोधन ऑन लाइन पंजीयन के दौरान ही किया जाना चाहिए था, जिससे किसान अपना रिकार्ड पहले ही ठीक करवा लेते। अब टोकन कट जाने के बाद से किसान समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। ऑन लाइन रिकॉर्ड में अन्य उपज दर्ज होने से मायूस होकर बाजार में उपज बेच रहे हैं। धरावन निवासी किसान महावीर चौधरी ने बताया कि कापरेन समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर चने की उपज बेचने के लिए एक माह पहले ही ऑनलाइन पंजीकरण करवाया था। पंजीकरण के दौरान ऑफ लाइन गिरदावरी करवाई गई जिसमें चने की फसल दर्ज की गई थी।
मैसेज मिलने पर टोकन लेकर खरीद केंद्र पर पहुंचे, लेकिन ऑनलाइन गिरदावरी में गेहूं की फसल दर्ज होने से उपज खरीद नहीं की गई और उपज लेकर वापस लौटना पड़ा। अब समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने से बाजार में कम दामों पर ही बेचनी पड़ेगी। किसानों का कहना है कि ऑन लाइन गिरदावरी में फसल का रिकार्ड गलत दर्ज होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों ने नए नियमों में हुए बदलाव को निरस्त कर ऑफलाइन गिरदावरी से खरीद किए जाने की मांग की है।
उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ऑन लाइन गांवों में ऑन लाइन गिरदावरी से ही खरीद स्वीकार की जा रही है। जो गांव ऑफ लाइन है उन गांवो के किसानों से ऑफ लाइन गिरदावरी पर खरीद की जा रही है। ऐसे में ऑन लाइन वाले गांवो के किसान टोकन के साथ ऑफ लाइन गिरदावरी लेकर आते हैं तो बिना बेचे ही वापस जाना पड़ता है।
वीरेन्द्र शर्मा, व्यवस्थापक मार्केटिंग, राजफैड