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संवत्सर की आखरी और साल की पहली शनि अमावस्या…शनि की तीरछी नजर से बचने के लिए यह करें उपाय…

इन जातको पर रहेगी शनि की ढैय्या, अन्य राशि के जातको के लिए शनि सामान्य फलकारी रहेगा।

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first of the year is shani Amavasya 2018

बूंदी. चैत्र कृष्ण पक्ष शनिवार को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के योग में अमावस्या तिथी रहेगी। इस दिन सूर्योदय से शाम 6.42 बजे तक अमावस्या का योग रहेगा। सौरमंडल में शनि का भ्रमण धनु राशि में चल रहा है। शनि के साथ मंगल ग्रह होने से ज्योतिष शास्त्र में इसे शुभ नही माना है। दोनो ग्रहों में परस्पर शत्रुता है।

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ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि इस योग में शनि अमावस्या आए तो जातको को शनि से राहत मिलती है। वृश्चिक धनु मकर पर साढेसाती एवं वृष,कन्या राशि पर शनि का ढैय्या रहेगा। अन्य राशि के जातको के लिए शनि सामान्य फलकारी रहेगा।

कष्टकारी के साथ फलदायक भी-

शनि को न्याय का देवता माना है। कष्टकारक ग्रह है, लेकिन भौतिक जीवन में श्रैष्ठता, राजयोग,आर्थिक उन्नति भी करता है। शनि अमावस्या पर शनि मंदिरों में तेलाभिषेक कालसर्प दोष, पितृदोष, शनि मंत्रो के जाप होते है।

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इस दिन शनि के निमित्त तेल उड़द, काले तिल लोहा के दान विशेष महत्व है।
इस साल 11 अगस्त हरियाली अमावस्या पर शनिवार का योग बनेगा।

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यह करें उपाय

मेष शनिदेव को तेल चढ़ाएं, हनुमान जी को चोला।

वृष - तेल का चौमुखा दीपक भैरव मंदिर में लगाएं।
मिथुन - सरसों के तेल का चार बत्ती वाला दीपक जलाएं।
कर्क - पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
सिंह - उड़द,काले वस्त्र का दान करे

कन्या - काली उड़द की दाल को गरीबों में बांटे।
तुला - इस दिन कुष्ठ रोगियों को भोजन कराएं।

वृश्चिक - शमी के पेड़ की पूजा करें।
धनु -तिल, तेल,का दान गरीबों में करे

मकर - हनुमान चालीसा के5 पाठ करें।
कुंभ - शाम को पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं।
मीन - सवा लीटर सरसो का तेल स्टील के पात्र में भरकर दान करें।