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गहरी थी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ग्यारसीलाल की जड़ें, जानिए क्या हुआ

रिश्वत लेते पकड़े गए कांस्टेबल ग्यारसीलाल ने अपनी जमात का भी लिहाज नहीं रखा।

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Gairesilals roots in the office of the Superintendent of Police know

Gairesilals roots in the office of the Superintendent of Police know


बूंदी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम के द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए कांस्टेबल ग्यारसीलाल ने अपनी जमात का भी लिहाज नहीं रखा। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में निजी सहायक की कुर्सी पर बैठकर वो अपने साथियों से भी लेनदेन करने से बाज नहीं आया। पुलिस सूत्रों के अनुसार बरसों से पुलिस अधीक्षक कार्यालय में नौकरी कर रहे ग्यारसीलाल की जड़ें काफी मजबूत हो चुकी थी। वहीं लंबे समय से पुलिस लाइन में बागवानी करने वाले सुनील जैन से भी उसके अच्छे ताल्लुक थे।

हाल ही में बागवान जैन सेवानिवृत्त हो गया था। ऐसे में उसके भाई की जमानत के लिए चालान जल्दी पेश करवाने की बात आई तो निजी सहायक के पद पर कार्यरत ग्यारसीलाल ने तुरंत पैसों की मांग रख दी। उसे अपने साथी पुलिसकर्मी से पैसे मांगने में जरा सी भी शर्म नहीं आई।

पुलिस महकमें में बरसों तक सेवा देने वाले साथी कर्मचारी से काम करवाने की एवज में उसने 25 हजार रुपए मांग लिए। इस बात से पुलिस महकमे में बरसों तक सेवा देने वाला बागवान जैन काफी आहत हो गया, उसने घूसकर को सबक सिखाने की ठानी। इसके बाद उसने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी, जिस पर एसीबी टीम ने कार्रवाई कर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

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भेजा जेल, तलाशा घर
एसीबी टीम ने निजी सहायक कांस्टेबल ग्यारसी लाल को गिरफ्तार कर मंगलवार को कोटा में एसीबी कोर्ट में उसे पेश किया। जहां पर न्यायालय ने उसे ९ फरवरी तक जेल भेज दिया। उधर एसीबी टीम कोतवाली थाने के उपनिरीक्षक तेज सिंह की भूमिका की भी जांच कर रही है। इधर बूंदी में एसीबी उपअधीक्षक तरुणकांत सोमानी ने निजी सहायक ग्यारसीलाल के मालवीय नगर स्थित मकान पर पहुंचकर तलाशी ली। जहां पर बहुत अधिक राशि नहीं मिलने की बात सामने आई है।