बूंदीPublished: May 01, 2019 12:45:21 pm
Narendra Agarwal
नैनवां व देई कस्बे की पेयजल व्यवस्था के लिए पाईबालापुरा बांध में आरक्षित पानी से खेती कर फ सलें उगाई जा रही है
यहां कंठ प्यासे, उधर पीने के पानी से उगा रहे सब्जियां
देई. नैनवां व देई कस्बे की पेयजल व्यवस्था के लिए पाईबालापुरा बांध में आरक्षित पानी से खेती कर फ सलें उगाई जा रही है। जिससे आरक्षित पानी दिनों दिन घटता जा रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में दोनों कस्बों में पेयजल संकट की समस्या हो जाएगी। दोनों कस्बों की पेयजल व्यवस्था पाईबालापुरा बांध पर निर्भर है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस सम्बंध में ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इस बार बांध के पानी को पेयजल के लिए रिजर्व रखने के उद्देश्य से नहरों में नहीं छोड़ा गया था। अब उसी पानी से सब्जियां उगाई जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि बांध में इस समय तरबूज, ककडी, खरबूजा व उन्दाळा मूंग की खेती हो रही है। बांध पर इंजन लगाकर इन फसलों में सिंचाई की जा रही है। इससे जल्द बांध का आरक्षित पानी समाप्त हो जाएगा।
लीकेज में बह रहा नैनवां का पानी
पाईबालापुरा बांध पर बने पम्प हाउस के सामने वाले खेत में से होकर गुजर रही नैनवां की पेयजल लाइन में लीकेज से व्यर्थ पानी बहकर खेतों में जा रहा है। जिससे खेत वालों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। खेत वालों ने भी जलदाय विभाग के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन व्यर्थ बहते पानी का कोई इंतजाम नहीं हुआ है। नैनवां जाने वाला पानी पम्पहाउस के सामने व्यर्थ बह रहा हैं।
जलदाय विभाग व सिंचाई विभाग को मिलकर बांध में की जा रही खेती को रोकना चाहिए, जिससे बांध का पानी सुरक्षित बचाया जा सके। वहीं लोगों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़े।
रामचरण शर्मा, उपसरपंच देई
-पाईबालापुरा बांध पर खेती कर इंजन चलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। नैनवां की पाइपलाइन के लीकेज को ठीक करवाया जाएगा।
पीताम्बर मीना, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग