महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दो महिला कांस्टेबल के पर निर्भर है। कम सुरक्षा कर्मियों की वजह से लोगों की सुरक्षा, लूट, चोरी डकैती लड़ाई झगड़ा और सभी तरह के क्राइम कंट्रोल करना थाने में तैनात पुलिस कर्मियों के लिए टेडी खीर साबित हो रहा है। फिलहाल थाने में एएसआई के 9 पद, हेड कांस्टेबल के पांच पद वाली कस्बे चौकी में एएसआई का एक पद, हेड कांस्टेबल का एक, कांस्टेबल के तीन पद रिक्त है।
इसके बाद दो कांस्टेबल कंप्यूटर, एक कांस्टेबल समन, एक कांस्टेबल परिवाद, एक कांस्टेबल मालखाना, एक कांस्टेबल कोर्ट के कार्य, एक कांस्टेबल निगरानी में तैनात रहता है। कांस्टेबलों को घटना और परिवादों की जांच करने के लिए अपनी बीट में जाना पड़ता है। थाने में जरूरी कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि पुलिस महकमे के उच्च अधिकारी भी नफरी की कमी से पूरी तरह वाकिफ है।
तीन गांवों में पुलिस चौकी की दरकार
केशवरायपाटन पुलिस थाने की सीमा 40 किलोमीटर तक फैली हुई है। थाने के लिए अंतिम गांवों में बड़ी घटना होने के बाद पुलिस को पहुंचने में समय लग जाता है। थाना क्षेत्र में सुवासा, तीरथ व अरनेठा गांव में पुलिस चौकी खुलने की आवश्यकता है।
हां है थाने में नफरी की कमी
दूसरे थाने में जहां पर स्टाफ ज्यादा होगा वहां का स्टाफ जरूरत के हिसाब से केशवरायपाटन थाने में लगा दिया जाएगा। जिला मुख्यालय से 60 पुलिसकर्मी का स्थानांतरण हो गया है। इसके बदले में अभी स्टाफ नहीं आया है। स्टाफ आते ही नफरी की कमी दूर हो जाएगी।
उमा शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बूंदी