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बाघों के इलाके में इंसानी दखल, कोर क्षेत्र में हुआ योगासन

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में उप वन संरक्षक की अनुमति के बिना योगासन कार्यक्रम आयोजित करने का मामला सामने आया है। जबकि रामगढ़ महल के पीछे क्लोजर में स्थित बाघ के अलावा आरवीटी 01 व दो बाघिन का इस क्षेत्र में मूवमेंट बना हुआ है।

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बाघों के इलाके में इंसानी दखल, कोर क्षेत्र में हुआ योगासन

बूंदी. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र स्थित महल की छत पर योगासन करते हुए।

बूंदी. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में उप वन संरक्षक की अनुमति के बिना योगासन कार्यक्रम आयोजित करने का मामला सामने आया है। जबकि रामगढ़ महल के पीछे क्लोजर में स्थित बाघ के अलावा आरवीटी 01 व दो बाघिन का इस क्षेत्र में मूवमेंट बना हुआ है। वन्यजीव प्रेमियों ने कोर क्षेत्र में इस प्रकार के कार्यक्रमों का विरोध जताते हुए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को जंगल में इंसानी दखल का विरोध जताया है।
मामला शनिवार सुबह का है जिसमें रामगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया स्थित महल के ऊपर कुछ लोगों को योग कर रहे है। वहीं सोशल मीडिया पर इसके फोटो भी वायरल हो गए है। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि जंगल में बाघों की दिनचर्या बेहद संवेदनशील होती है। छोटी-सी हलचल, वाहनों की आवाजाही या इंसानों का जमावड़ा भी बाघों के शिकार, प्रजनन और मूवमेंट पर गहरा असर डाल सकता है।

वन्यजीव प्रेमियों ने जताई नाराजगी
स्थानीय वन्यजीव प्रेमियों ने इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और रिजर्व की गाइडलाइन का उल्लंघन करार दिया है। उनका कहना है कि ‘‘बाघों के घर में इंसानों की चहलकदमी, गाडिय़ों का शोर और योगाभ्यास जैसी गतिविधियां न सिर्फ अवैध हैं बल्कि बाघों की ङ्क्षजदगी से खिलवाड़ भी हैं। वे इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है।

पूर्व में भी किया था मना
पूर्व में भी रामगढ़ महल पर योगासन करने की अनुमति मांगी गई थी,लेकिन तत्कालीन उपवन संरक्षक अरविन्द झा ने कोर क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन अब योगासन होने का मामला सामने आने पर वन्यजीव प्रेमियों ने वन मंत्री संजय शर्मा और सीसीएफ सुगनाराम को शिकायत भेज कार्रवाई की मांग की है।

सवाल यह कि जंगल और बाघों के लिए बनी कोर और क्रिटिकल हैबिटेट में इंसानों की इंसानों का योगा आखिर किस नियम के तहत सही ठहराया जा सकता है?
त्रिभुवन सिंह हाड़ा, अध्यक्ष, रामगढ़ टाइगर फाउंडेशन

मैं अभी अवकाश पर हूं। मेरी ओर से कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। एसीएफ से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि कोर क्षेत्र में योगासन कार्यक्रम कैसे आयोजित हुआ।
देवेन्द्र भाटी, उपवन संरक्षक, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व