
बूंदी. जिला कलक्टर को ज्ञापन देने आए चिकित्सक संघ।
बूंदी. जिला अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद महिला चिकित्सक के खिलाफ की गई एपीओ कार्रवाई से चिकित्सकों में रोष व्याप्त है। सोमवार को ऑल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ और आईएमए ने संयुक्त तत्वावधान में जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर महिला चिकित्सक मोबिन अख्तर पर की गई एपीओ कार्रवाई को निरस्त करने की मांग की। ज्ञापन में चेतावनी देते हुए बताया गया है कि एपीओ निरस्त नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।
ज्ञापन देने के बाद ऑल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के जिला अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बताया प्रसूता की मौत दुखद है, लेकिन बिना जांच के एक चिकित्सक को जिम्मेदार ठहराना गलत है। उन्होंने बताया कि महिला की स्थिति गंभीर थी। चिकित्सकों और स्टाफ ने लगातार उपचार किया। डॉ. शर्मा ने बताया कि लापरवाही परिजनों की ओर से हुई है, ना कि ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक की तरफ से। उन्होंने बताया कि प्रसूता की स्थिति शुरू से ही गंभीर थी और इसे लेकर परिजनों को समय रहते अवगत भी करा दिया गया था।
जांच के बाद हो निर्णय
आईएमए अध्यक्ष डॉ. अनिल जांगिड़ ने भी प्रशासन की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मृतक महिला इंद्रा कंवर के उपचार में चिकित्सकों द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई। ऐसे मामलों में जांच पर आधारित निर्णय होना चाहिए, दबाव में आकर नहीं। यदि एपीओ निरस्त नहीं हुआ तो हम आंदोलन पर उतरेंगे।
परिजनों की लापरवाही से गई महिला की जान
एपीओ की गई महिला चिकित्सक मोबिन अख्तर ने भी अपनी पीड़ा रखते हुए कहा कि उन्हें बिना दोष के निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिस समय मरीज को भर्ती किया गया, उसका हीमोग्लोबिन मात्र 4.7 था। चिकित्सक ने बताया परिजनों को तत्काल ब्लड लाने के लिए बोला गया था लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। डॉ. मोबिन अख्तर ने बताया कि यह मरीज पांचवीं बार गर्भवती थी और उसकी उम्र 42 वर्ष थी, जो उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आती है। उन्होंने स्थिति को देखते हुए मरीज को रेफर भी कर दिया था। इसके बावजूद मुझे लापरवाही का दोषी ठहराया गया और कार्यवाही कर दी गई। यह मनोबल को तोडऩे वाली बात है।
यह था पूरा मामला
6 दिसंबर की शाम प्रसूता इंद्रा कंवर को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। यहां उपचार के दौरान उसकी स्थिति बिगडऩे पर मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने महिला चिकित्सक और स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में शव रखकर प्रदर्शन किया। कार्रवाई के रूप में महिला चिकित्सक मोबिन अख्तर को एपीओ कर दिया गया। इसी निर्णय के विरोध में सोमवार को चिकित्सा समुदाय एकजुट होकर कलक्ट्रेट पहुंचा और एपीओ निरस्त करने की मांग का ज्ञापन सौंपा।
Published on:
09 Dec 2025 12:25 pm
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