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दगाबाज मौसम बढ़ा रहा दर्द…

locationबूंदीPublished: Jun 28, 2018 07:44:02 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

वॉटर बोर्न डिजीज ने जिले के लोगो की मुश्किलें बढ़ा दी है। हालांकि बारिश अभी ठीक से शुरू भी नही हुई है, लेकिन

increased number of patients in the season Water Borne Disease

दगाबाज मौसम बढ़ा रहा दर्द…

बूंदी. वॉटर बोर्न डिजीज ने जिले के लोगो की मुश्किलें बढ़ा दी है। हालांकि बारिश अभी ठीक से शुरू भी नही हुई है, लेकिन चिकित्सको का कहना है कि पल पल बदलते मौसम में गर्मी और ठंडक से गेस्ट्रोइंटोटाइटिस, जॉन्डिस के साथ साथ वेक्टर बोर्न डिजीज, डेंगू व मलेरिया की संभावना बढ़ जाती है।
बदलते मौसम के चलते अभी अस्पताल में डायरिया, उल्टी, दस्त , खांसी जुकाम के मरीजों की भरमार है। एक पखवाड़े में मौसमी बीमारियों से पीडि़त 900 से ज्यादा मरीजों की संख्या पार कर गई। सबसे ज्यादा परेशानी नौनिहालों की है। शिशु रोग विभाग के आउटडौर में प्रतिदिन 100 से अधिक बच्चें डायरिया,उल्टी दस्त जैसी बीमारियों की चपेट में आकर अस्पताल पहुंच रहें है।
मौसम का लचीलापन कर रहा बीमार-


तापमान में अचानक बढोत्तरी और फिर कमी की वजह से डायरिया के मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहें है। जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है। फिजिशियन पवन भारद्धाज ने बताया कि एक पखवाड़े में सबसे ज्यादा मामले डायरिया के सामने आए है।
डायरिया है खतरनाक-

डायरिया स्वास्थ्य के लिए खतरनाक के सामान्य तौर पर डायरियां पेट की खराबी के कारण होता है इसलिए मरीज़ को बार बार उल्टी और लूज मोशन आता है। शरीर में पानी और सोडियम क्लोराइड की मात्रा कम हो जाती है जिससे मरीज डायरिया का शिकार हो जाता है।
चिकित्सकों के अनुसार खून में सोडियम की मात्रा 135-145 मिली प्रति लीटर और क्लोराइड 95605 मिली प्रति लीटर होना चाहिए लेकिन जब मरीज के शरीर में सोडियम का लेवल 120 से नीचे चला जाता है तो मरीज कोमा में जा सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है।
दूषित पानी से बीमारी-

बीमारी की वजह दूषित पानी है अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए या फिर मरीज गंदा पानी, सडक़ किनारे बेचे जा रहे हैं कटे फल, गन्ने का जूस या बासी खाना खाता है तो इससे पेट में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है और डिहाइड्रेशन की संभावना भी बढ़ जाती है। इंफेक्शन के कारण उल्टी और दस्त होने लगता है जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है इसे ही गैस्ट्रोटाइटिस कहा जाता है
रोकथाम और बचाव-
पानी उबाल कर पिए।
बर्फ के सेवन से बचे।
बाजार में बिक रहें कटे फल का सेवन न करें।
उल्टी और दस्त होने के दौरान शरीर में पानी की कमी होने पर ओआरएस या नींबू चीनी नमक पानी का घोल लें।-
भौजन को मक्खियों से दूर रखें।
फैट वाला खाना कम खाएं।
अपने घर और आसपास मच्छर नही पनपने दें।
इंफेक्शन की चपेट में आने पर तुरंत चिकित्सको से परामर्श लें।

मौसम में बदलाव की वजह से आजकल दस्त-उल्टी डायरिया के मरीजों की संख्या में बढोत्तरी हुई है। अस्पताल में आउटडोर प्रतिदिन 100 से 130 मरीज सामने आ रहें है। बारिश के साथ ही मौसमी बिमारियां व मलेरियां डेंगू का खतरा बना रहता है। पानी जमाव की वजह से मच्छर पनपते है, जिससे यह बिमारियां सामने आती है। जलजनित बीमारियों के बचाव के लिए साफ पानी पिए, खानपान की चीजों को धोकर ही काम में लें।
डॉ.गौरी शंकर कुशवाह शिशु रोग विशेषज्ञ
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