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कोटा ट्रैफिक सिग्नल लाइट मुक्त, यहां एक साल से तिराहे पर इकलौती भी बत्ती गुल

शिक्षा नगरी के नाम से पहचान बनाने वाले कोटा शहर की ट्रैफिक सिग्नल लाइट मुक्त हो चुका है,लेकिन उसके उलट छोटीकाशी बूंदी शहर की एक मात्र यातायात लाइट एक साल से गुल है।

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बूंदी

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pankaj joshi

Feb 03, 2025

कोटा ट्रैफिक सिग्नल लाइट मुक्त, यहां एक साल से तिराहे पर इकलौती भी बत्ती गुल

बूंदी. ट्रैफिक लाइट बंद होने से रॉग साइड से गुजरते वाहन।

बूंदी.शिक्षा नगरी के नाम से पहचान बनाने वाले कोटा शहर की ट्रैफिक सिग्नल लाइट मुक्त हो चुका है,लेकिन उसके उलट छोटीकाशी बूंदी शहर की एक मात्र यातायात लाइट एक साल से गुल है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते शहर में ट्रैफिक लाइट की व्यवस्था पटरी पर नहीं चढ़ पा रही है। लाइट को संभालने के भले ही अधिकारी बदल गए हो,लेकिन हालात पहले जैसे ही हैं। किसी ने भी इसको दुरूस्त करने की जहमत नहीं उठाई। दो विभागों में ट्रैफिक लाइट की व्यवस्था उलझ चुकी है। लोगों का कहना है कि एक साल से अधिक समय हो गया है शहर की एक मात्र ट्रैफिक सिग्नल लाइट को शुरू हुए है। जबकि शहर के सबसे व्यस्तम चौराहे पर लाइट लगाई गई थी, लेकिन बंद होने के बाद व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी ओर यातायात व्यवस्था बिगड़ती रही। शहर के सुव्यवस्थित ट्रैफिक संचालन के लिए 6 साल पूर्व नगर परिषद की ओर से यहां ट्रैफिक लाइट लगाई थी।

धीरे-धीरे जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते लाइट की तीनों बत्ती गुल होती गई। इनको दुरुस्त कराने की न तो यातायात विभाग जहमत उठा रहा है और न ही जिला प्रशासन। नतीजन लाखों रुपए की लागत से लगाई गई एक मात्र ट्रैफिक सिग्नल लाइट शो-पीस बनकर रह गई है। लाइट नहीं चलने के कारण कई बार दुर्घटना घटित हो चुकी है।

तो आमजन को मिले राहत
त्योहारी सीजन में यातायात व्यवस्था को सुचारू रख पाना यातायात पुलिस के सामने चुनौती बना हुआ रहता है। यातायात पुलिस पहले ही स्टॉफ की कमी से जूझ रही है। अगर ट्रैफिक सिग्नल लाइटें चालू हो जाए तो जनता को काफी राहत मिले।

दो विभागों में उलझी
यातायात प्रबंधन समिति की बैठक में भी शहर की ट्रैफिक लाइट को चालू कराने का मुद्दा उठ चुका है, लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं मिला। ना तो नगर परिषद इसको शुरू करा पा रही ना ही पुलिस प्रशासन के साथ जिला प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान जा रहा है। बरहाल इस मार्ग से प्रशासनिक आमले के साथ न्यायिक अधिकारी व दिनभर में सैकड़ो वाहन फर्राटे भरते है। नगर परिषद बजट का रोना कहकर पल्ला झाड़ रही है।

फिर हो गई बंद
ट्रैफिक सिग्नल लाइट लगने के बाद कई बार बत्ती गुल हो चुकी है,शुरू में लाइट सुचारू चली,लेकिन बीच-बीच में कई बार एक रंग की बत्ती बंद हो जाती है या फिर पूरी बंद हो जाती है। रखरखाव व इस ओर ध्यान नहीं देने से अब तो एक साल से अधिक समय लाइट की बत्ती गुल है।

तीन लाख की आई थी लागत
यातायात लाइट के संचालन पर करीब 3 से 4 लाख रुपए खर्च कर लाइट लगाई गई। शहर में पहली ट्रैफिक लाइट इस मार्ग पर लगाई गई थी। शुरू में इसका सही से संचालन नहीं हो पाया। इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने नगर परिषद प्रशासन को लाइट में आई तकनीकी खामी के बारे में बताया। इसके बाद तकनीकी विशेषज्ञ आए व लाइट को दुरुस्त किया। इसके बाद जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं गया ओर बत्ती चलने से पूर्व ही गुल हो गई।

कई बार लिख चुके पत्र
एक साल से अधिक समय से शहर की एक मात्र ट्रैफिक सिग्नल लाइट बंद है। कहीं बार नगर परिषद को अवगत करा लाइट को दुरुस्त करने के लिए कहा गया है। बैठक में भी इसको लेकर चर्चा हुई है। एक बार फिर से नगर परिषद को पत्र लिखा जाएगा।
बहादुर सिंह गौड़, यातायात प्रभारी,बूंदी