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बिछुड़ो को फिर न्यौतेगें गुरुजी

ड्राप आउट बच्चों की बनेगी सूची, स्कूलों से जोड़ेगे ,नए सिरे से होगा ऑनलाइल सर्वे

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Newcastle Guruji again

शिक्षक करेंगे घर-घर सर्वे


बूंदी- अगर आप के घर पर कोई दस्तक देकर बच्चों की शिक्षा के बारे में पुछे तो चौकिएगा नही दस्तक देने वाले सरकारी स्क्ूलों के शिक्षक होगेंं जो घर-घर सर्वे कर बच्चों की जानकारी लेगें कि वे स्कूल जा रहे या नही। जी हां शिक्षा निदेशालय से मिले निर्देश के बाद यह कवायद शुरू हो गई है।

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जिले में जितने भी अनामांकित व ड्राप आउट बच्चे है उनका नए सिरे से सर्वे सूचियां बनेंगी। इनको स्कूलों में प्रवेश देने के साथ समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा इसके लिए अतिरिक्त निदेशक प्रशासन बीकानेर ने आदेश जारी किए हैं।, जिसके बाद यह कार्य शुरू कर दिया गया है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ओर पदेन पंचायत शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए शिक्षको की नियुक्ति करना है। सर्वे के लिए जिले के सभी राजस्व ग्रामों का सर्वे शिक्षकों को ऑनलाइन कर आगामी ३० सितम्बर तक कार्य पुरा करना है।

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जनगणना की थीम पर होगा सर्वे-
जिस तरह जनगणना का सर्वे होता है ठीक उसी तरह यह सर्वे घर-घर जाकर शिक्षकों को करना होगा चाहे क्षेत्र का नीजि विद्यालय हो या सरकारी सभी में पढऩे वाले बच्चों का सर्वे का डाटा एकत्रित कर ऑनलाइन देना होगा। इसके ेलिए हर घर के बाहर दीवार पर निशान भी बनाया जाएगा ताकि पता चल सके कि यहां का सर्वे किया जा चुका है, बच्चों की ट्रेकिंग भी होगी।

इस साल कोई भी बालिका शिक्षा से वंचित नहीं रह पाए इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसी के तहत यह मुहीम शुरू की गई है। इस श्रेणी में उन बालिकाओं को शामिल किया गया है जो किसी कारण से बीच शिक्षा सत्र में ही स्कूल छोड़ गई हैं। जिले में ड्रॉप आउट बालक-बालिकाओं के लिए पहले भी सर्वे हुआ था। उसी सर्वे के अनुसार अब तक शिक्षा विभाग चल रहा था लेकिन अब नई तरह से फिर से सर्वे शुरू होगा। इसी सर्वे के आधार पर देखा जाएगा कि कितने बालक और बालिका बीच सत्र में ही स्कूल छोड़कर चले गए हैं।

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भिक्षावृति के अंधियारे से निकल शिक्षा से जगमग होगा बचपन-
'ड्रॉप आउट बालक.बालिकाओं को स्कूलों से जोडऩा है। इसके लिए सर्वे हो रहा है। इनको फिर से शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। विद्यालयों मे जाने वाले बच्चों का भी डाटा एकित्रत किया जाएगा। सरकारी शिक्षक प्रत्येक घर का सर्वे करेगा। इसमें सभी प्राथमिक उच्च प्राथमिक हायर सेकेंड्री शामिल होगेंं। इसी के साथ उन बच्चों की जिंदगी में भी उजियारा आएगा जो भिक्षावृति कर पेट पालने को मजबूर है, विभाग इन बच्चों को लेकर ज्यादा सतर्क है।

११ हजार से अधिक नामांकन पूर्व में भी जोड़े जा चुके है। शिक्षा निदेशालय से मिले निर्देश के बाद ऑनलाइन सर्वे सरकारी स्कूलों से नियुक्त शिक्षक करेगें। ताकि ड्रॉपआउट बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। सर्वे में क्षेत्र के चाहे निजी या सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का भी डाटा लिया जाएगा।
वर्जन- राजेन्द्र भारद्वाज सहायक परियोजना समन्वयक