
बूंदी. जिले में घटना होने पर आग बुझाने वाले फायरमैन सहित नगर परिषद के करीब 400 कर्मचारी वेतन के लिए तरस गए। दो महिने से इन्हें पगार नहीं मिल पाई। नए वर्ष के साथ ही अब कर्मचारियों को वेतन का इंतजार था, लेकिन जनवरी का एक सप्ताह निकल चुका और वेतन नहीं मिला है। सरकार की ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम अब कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा है।
कैशलेस सुविधा को देखते हुए सरकार ने नगर परिषद में कर्मचारियों की पैमेंट ऑनलाइन सिस्टम से कर तो दिया, लेकिन आधे से ज्यादा कर्मचारियों के खाते अब तक अटैच ही नहीं किए गए। विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। विभाग ने अब तक आधे से ज्यादा कर्मचारियों के प्राण नम्बर फॉर्म तक नही भरें। इधर, नकद व चैक भुगतान पर रोक के कारण परिषद के करीब 400 कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला।
कर्मचारियों को संतुष्ट जवाब तक नहीं मिल पा रहा है। नवम्बर माह से ही वेतन के इंतजार में अब परिवार पर असर आने लगा है। कई कर्मचारियों के रिश्ते में शादियां हैं तो बच्चों के स्कूल की फीस जमा करवानी है। सबसे ज्यादा परेशानी उन परिवार को झेलनी पड़ रही है, जो आर्थिक रूप से कमजोर है।
सहायक कर्मचारी से लेकर यूडीसी, एलडीसी, बिजली विभाग कर्मचारी, बागवानी सहित करीब 400 कर्मचारी परेशान है। जिले में निषेधाज्ञा और विवादों की स्थिति से निपटने के लिए फायरमैन को रातभर अपनी ड्यूटी करनी पड़ रही है।
150 नए कर्मचारियों के नहीं भेजे प्राण नम्बर
सरकार ने भले ही नगर परिषद को ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ दिया हो, लेकिन अब यही नया सिस्टम कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा है। नए सिस्टम के तहत कर्मचारियों की पेमेंट को भी ऑनलाइन कर दिया है।ऑनलाइन सिस्टम के तहत पहले मुख्यालय में कर्मचारियों के प्राण नम्बर लेना पड़ता है, लेकिन अब तक करीब 150 कर्मचारियों के प्राण नम्बर तक नही भरें। जिसके चलते अन्य कर्मचारियों को भी वेतन के लाले पड़ रहे है।
नगर परिषद आयुक्त दिपक नागर ने बताया कि सरकार ने परिषद का काम ऑन लाइन कर दिया गया है लेकिन कई समस्याएं आ रही है परिषद में 150 नये कर्मचारियों की भर्ती होने के बाद उनके प्राण नम्बर ही नही है ऐसे में कर्मचारियों का डाटा ही कम्पलिट नही हो सका। सरकार से ऑफलाइन सिस्टम की मांग की जा रही है परमिशन के बाद कर्मचारियों को जल्द ही पेमेंट कर दिया जाएगा।
Published on:
09 Jan 2018 07:03 pm
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