8 December 2025,

Monday

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रामगढ़ में दिखा दुर्लभ वन्यजीव सियागोश, फोटो ट्रेप कैमरे में हुआ कैद

अब तक जिले का वन विभाग व वन्यजीव प्रेमी जिसे जिले के जंगलों से लुप्त मान रहे थे वह दुर्लभ प्रजाति का वन्यजीव रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व में दो जगह दिखाई दिया है।

2 min read
Google source verification

बूंदी

image

pankaj joshi

Jan 05, 2025

रामगढ़ में दिखा दुर्लभ वन्यजीव सियागोश,फोटो ट्रेप कैमरे में हुआ कैद

गुढ़ानाथावतान. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के जंगलों में रात के समय विचरण करता सियागोश।

गुढ़ानाथावतान. अब तक जिले का वन विभाग व वन्यजीव प्रेमी जिसे जिले के जंगलों से लुप्त मान रहे थे वह दुर्लभ प्रजाति का वन्यजीव रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व में दो जगह दिखाई दिया है। टाइगर रिजर्व में एक सप्ताह के दौरान दो अलग-अलग जगहों पर इस बिल्ली प्रजाति के दुर्लभ वन्यजीव की फोटो कैमरों में ट्रेप हुई है। बूंदी के जंगलों मे दो सियागोश दिखने के बाद माना जा रहा है कि जिले में इन वन्यजीवों की संख्या अधिक हो सकती है जिनके सर्वे व संरक्षण की आवश्यकता है।

जानकारी के अनुसार दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह में टाइगर रिजर्व की विषधारी घांटी व रामेश्वर महादेव के ऊपरी हिस्से नोलखा के पठार पर सियागोश फोटोट्रेप कैमरों में कैद हुआ। विभाग ने टाइगर रिजर्व में इस दुर्लभ प्रजाति के लुप्त प्राय वन्यजीव के मिलने की सूचना उच्च अधिकारियों को दी तथा मॉनिटरिंग बढ़ा दी है। राज्य में तेजी से उभरते रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों का दीदार करने के शौकीन पर्यटक अब बाघ जैसे दिखने वाले दुर्लभ बिलाव सियागोश को भी देख सकेंगे। बाघ परियोजना में अब तक 2 सियागोश सामने आ चुके हैं और उम्मीद है कि यह संख्या बढ़ेगी।

गौरतलब है कि तीन दशक पहले तक रामगढ में सियागोश या केरेकल की उपस्थिति देखी गई थी,लेकिन यहां से बाघों के गायब होने के साथ ही यह वन्यजीव भी लुप्तप्राय हो गया था। हर साल होने वाली व वन्यजीव गणना में भी लंबे समय से सियागोश की उपस्थिति दर्ज नहीं कि गई थी। अब फिर से इस वन्यजीव के दिखने से उम्मीद जताई जा रही है कि जिले में इसके संरक्षण की विशेष योजना बनाकर इसकी संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

11 फीट ऊंची छलांग लगाकर शिकार को दबोच लेता है
बूंदी के जंगलों में मिला सियागोश या कैरेकेल शानदार शिकारी है जो किसी उड़ते हुए परिंदे को 11 फ़ीट तक उछलकर झपट लेता है। यह दुनिया के सबसे दुर्लभ जंगली जानवरों में शामिल है। सियागोश विलुप्त होने की कगार पर है। यह मिडिल ईस्ट, अफ्रीका, मध्य एशिया के जंगलों में अधिक पाई जाती है। भारत में गुजरात, मध्यप्रदेश व राजस्थान में बहुत कम संख्या में बची है। राजस्थान में केवल रणथंभौर व धौलपुर करोली के जंगलों में इसकी अभी तक उपस्थिति दर्ज की गई थी। वन विभाग ने अभियान चलाकर उसकी गणना करवाई थी जिसमें यह पूरे राजस्थान में मात्र 35 की संख्या में दिखाई दी थी। अब बूंदी में भी इसकी उपस्थिति दर्ज होने से इसके संरक्षण की उम्मीद जगी है।

रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व में सियागोश की उपस्थिति कैमरा ट्रेप में आई है जो अच्छी बात है। इसके संरक्षण के लिए जल्दी ही योजना बनाकर काम करेंगे ताकि इस दुर्लभ वन्यजीव की संख्या बढ़ाई जा सके।
संजीव शर्मा, उपवन संरक्षक एवं उपक्षेत्र निदेशक रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व, बूंदी