वन्यजीवों पर नजर
वर्ष 2018 में 4 गिद्ध, 2 जंगली मुर्गे, 2 छोटा बिज्जु, 9 कबर बिज्जु, 69 काला हिरण, 1798 रोझ, 214 चिंकारा, 283 जंगली सुअर, 31 सेही, 1 बघेरा, 222 सियार, 17 जरख, 45 जंगली बिल्ली, 17 लोमड़ी, 4 भेडिय़ा एवं 7 भालू मिले हैं। जबकि वर्ष 2017 में 3 गिद्ध, 2 जंगली मुर्गे, 2 छोटा बिज्जु, 12 कबर बिज्जु, 23 चीतल, 56 काला हिरण, 1625 रोझ, 300 जंगली सुअर, 28 सेही, 1 बघेरा, 226 सियार, 15 जरख, 51 जंगली बिल्ली, 25 लोमड़ी, 13 भेडिय़ा एवं 10 भालू की जंगलों में मौजूदगी मिली थी।
मोर की संख्या में इजाफा
राष्ट्रीय पक्षी मोर की संख्या में इजाफा सभी के लिए अच्छी खबर है। यहां वर्ष 2017 में 2042 मोर मिले थे जो इस बार बढकऱ 2398 हो गए। लगातार मोर की बढ़ती शिकार की वारदातों के बाद तो मोर के लुप्त होने की आशंका बढ़ गई थी।
रोझ की संख्या बढऩा, किसानों के लिए मुसीबत
जिले में वन्यजीव बढ़े यह सभी के लिए खुश खबरी हो सकती है, लेकिन रोझ की बढ़ती संख्या ने किसानों की चिंता बढ़ा रही है। जिले में वर्ष 2017 में 1625 रोझ मिले थे, जो इस बार बढकऱ 1798 हो गए हैं। यहां किसानों का तर्क है कि रोझ के झुंड खेतों में घुसते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। किसान की इनकी बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने की भी मांग उठा चुके हैं।
पीपुल फोर एनीमल्स, बूंदी के जिला प्रभारी बि_ल कुमार सनाढ्य का कहना है कि रामगढ़ विषधारी अभयारण्य तो बाघों का जच्चा घर रहा है। यहां ध्यान नहीं देने से बाघ लुप्त हो गए।रामगढ़ अभयारण्य में निकल रही नदी में एनिकट का निर्माण कराया जाना चाहिए।इससे वन्यजीवों को पूरे वर्ष पानी मिलेगा। वन्यजीवों की संख्या में इजाफा होगा।
वन संरक्षक बूंदी के सहायक सतीश जैन का कहना है कि बूंदी के जंगल वन्यजीवों के लिए काफी मुफीद है। इनकी संख्या बढ़े इसके लिए लगातार प्रयास भी कर रहे हैं। जंगल सुरक्षित रहे इसके लिए लगातार ट्रेकिंग कर रहे हैं।