7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान का एक मंदिर ऐसा जिसके कुंड में स्नान करने से मिलती है चर्म रोग से मुक्ति…लव-कुश की तपोभूमि रहा यह स्थान बना लोगो की आस्था का केन्द्र

अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और मान्यताओं के कारण राजस्थान ही नही देश भर में प्रसिद्व है, यह मंदिर-

2 min read
Google source verification
This place is situated in the penance of Love-Kush

kala grouara ji mandir

बूंदी. बूंदी जिले से 20 कि.मी दूर नमाना क्षेत्र का लोईचा ग्राम जो अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और मान्याताओं के कारण राजस्थान ही नही देश भर में प्रसिद्व है। यहां शिव के रूप में विख्यात धार्मिक तीर्थ स्थल काला-गौराजी कुंड की गाथाएं दूर.दूर तक फैली हैं। यह शिव कुंड देशभर में आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से काफी प्रसिद्ध है।

Read More: दूध ने खोला राजस्थान की ऐतिहासिक मूर्ती का राज

सावन के महीने में इस कुंड का महत्व और बढ़ जाता है। दरअसल इस कुंड की प्रसिद्धि की वजह यहां से निकलने वाला नैचुरल गंधक युक्त वातानुकूलित जल है। कहा जाता है कि इस गंधक युक्त जल से स्नान करने से सभी चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। लोगों के मन में यह विश्वास है कि त्वचा रोग से संबंधित किसी भी परेशानी का समाधान इस मंदिर में आने से हो जाता है। यहां स्नान करने से चर्म रोग से मुक्ति मिलती है।

Read More: सूर्य खोलेगा किस्मत के द्वार, नए साल में इन पर होंगी पैसों की बरसात

कार्तिक पूर्णिमा और शनि अमावस्या पर लगता है भक्तों का तांता-
कार्तिक पूर्णिमा और शनि अमावस्या पर काला-गोराजी कुंड पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके अलावा सोमवती अमावस, महाशिवरात्रि सावन के अवसर पर यहां मेला लगता है। कस्बे के जिस घर से शिव भक्त कांवडि़ए, गंगाजल लेने जाते हैं, उनका परिवार यहां रोजाना आकर मंदिर में पूजा.पाठ करता है। इसके अलावा कस्बा आस.पास के शिवभक्त मंदिर में आकर अपनी कांवड़ चढ़ाते हैं और भगवान भोलेनाथ से अपनी मनोकामना मांगते हैं। मन में भगवान के प्रति अटूट विश्वास और आस्था का भाव लिए यहां भक्त दूर-दराज से यहां आते है।

Read More: सूर्य खोलेगा किस्मत के द्वार, नए साल में इन पर होंगी पैसों की बरसात


कुंड में नहाने से दूर होते हैं चर्मरोग -

शिवभक्तों का कहना है कि काला-गोराजी की कृपा से यहां कुंड में नहाने से उनके सभी चर्म रोग दूर हो जाते हैं।

क्या है इसके पीछे की कहानी-

हजारों साल पुराने इस मंदिर पर बने तालाब की अनोखी मान्यता है, जहां पर नहाने से चर्म रोग और फोड़़ेे फुंसी जैसे रोग ठीक हो जाते है। तालाब में वर्षभर पानी भरा रहता है। चर्म रोगी और फुंसी से पीडि़त लोग दूर से स्नान करने के लिए आते है। स्नान करने के बाद काला-गोराजी की पूजा करते है और इस घातक रोग से छुटकारा पाते है। यदि सोमवार व मंगलवार को स्नान किया जाये तो रोग से जल्दी छुटकारा मिल जाता है। लव-कुश की तपोभूमि रहा यह स्थान लोगो के आस्था का केन्द्र बना है।