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हास्य रचनाओं से गुदगुदाया, वीर रस से भरा जोश

कजली तीज मेले में सोमवार को आयोजित राजस्थानी कवि सम्मेलन में राजस्थानी कवियों ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।

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बूंदी

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pankaj joshi

Aug 20, 2025

हास्य रचनाओं से गुदगुदाया, वीर रस से भरा जोश

बूंदी के कजली तीज मेला मंच पर आयोजित कवि सम्मेलन में काव्यपाठ करते कवि।

बूंदी. कजली तीज मेले में सोमवार को आयोजित राजस्थानी कवि सम्मेलन में राजस्थानी कवियों ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। कवि सम्मेलन की शुरुआत राजकुमार बादल ने सरस्वती वंदना से की। प्रथम कवि के रूप में अखिलेश अखिल ने’ धरा की छटा अनूप बिखरयो अकूत रूप डुंगर्या की गोदी बैठी ललित ललाम’ से बूंदी पर गीत सुनाया। हास्य व्यंग कवि पीयूष पाचक ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया। ’’स्वर्णिम अतीत पर गर्व है तीज दांपत्य प्रगाढ़ता का पर्व है तीज’’ को सुना कर तीज मेले को की प्रासंगिकता को सार्थक किया।

कवि सम्मेलन की एकमात्र कवियित्री कमलेश कोकिला ने’’ बादला रे बादला थू कर आवगो बादला - कद बरसगो म्हारे आंगना गीत सुनाया। अंदाज हाड़ौती ने’’ पूनम का चांद उतरे न म्हारे आंगना’’ सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हास्य गीतकार राजकुमार बादल ने बूंदी के वीर कुंभा पर’’ हाड़ो डट ग्यो र’’ और थोड़ी म्हारी चाय न भी मीठी कर दे सुनाकर दाद लूटी। हाड़ौती के मधुर गीतकार बाबू बंजारा ने’’ थारा भाड़ा का टट्टू न अब के लट्टू ज्यों फोड़ागा बार बार मत कर न कुचारण्या थन जिंदा न छोडनगा’’सुनकर तालियां बटोरी। राजेंद्र पवार ने भी नकटा म नक्टो घणो’’ से पाकिस्तान पर प्रहार किया। प्रसिद्ध गीतकार विश्वामित्र दाधीच ने’’ सुनो रामजी कुण कुण सूं खार खावगा कपट्या को कलजूग छ यान्सू हार जावगा ’’ और सावन का महीना को कोई गीत सुनाओ सा आयी सावणी तीज खीझ मत खाओ सा’’ सरीखे मधुर गीत सुनाये।

कवि सम्मेलन का संचालन राजेंद्र पवार ने किया। राजस्थानी कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि कोटा दक्षिण नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी थे। जबकि कोटा नगर निगम उत्तर के विपक्ष के नेता लव शर्मा कवि सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि थे। नगरपरिषद की सभापति सरोज अग्रवाल और वार्ड पार्षदों ने अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर विवेक राजवंशी लव शर्मा एवं सभापति सरोज अग्रवाल ने भी विचार व्यक्त किए। स्वागत समारोह का संचालन राजकुमार दाधीच ने किया। कवि सम्मेलन देर रात 2 बजे तक श्रोता जमे रहे।