
बूंदी. वन्यजीव भीषण गर्मी के थपेड़े सहने को मजबूर हैं। पारा 43 डिग्री पहुंच गया। गर्मी से जहां लोगों के हाल बेहाल हैं वहीं वन्यजीव भी इससे अछूते नहीं रहे। गर्मी से आमजन ही नहीं बल्कि बेजुबान भी व्याकुल होने लगे हैं। आलम यह है कि गर्मियां शुरू होते ही गांव और जंगल में रहने वाले जंगली जानवरों के कंठ भी प्यास के मारे सूखने लगे हैं, लेकिन विभाग ने अब तक कोई माकूल व्यवस्था नहीं की है।
वन्यजीव अभयारण्य में जलस्रोत पूरी तरह सूख चुके हैं। विभाग ने वन्यजीवों के लिए पानी के टेंक तो बनवा रखे हैं लेकिन इनमें पानी की व्यवस्था को लेकर कोई योजना नहीं बनी है। जबकि इसके लिए विभाग को बजट भी मिलता बताया। पानी की तलाश में वन्यजीव रिहायशी इलाकों का रुख कर रहे हैं।
जंगल में जलस्रोत के सूखने से पानी की तलाश में वन्यजीव भटकते हुए मुख्य सड़कों और शहरों की ओर आ जाते हैं। कभी-कभी यह दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, तो कई शिकारियों की बली चढ़ जाते हैं।
30 अप्रेल को होनी है वन्य जीव गणना
आगामी 30 अप्रेल को वन्य जीव गणना होनी है, लेकिन अभी तक विभाग ने अभयारण्य क्षेत्र में जल स्रोतों को भरने की कोई व्यवस्था नहीं की। झंडीगेरी गुमानबावड़ी के पास वाटर प्वाइंट में पिछली दफा सैकड़ों वन्य जीवों की गणना की गई, लेकिन यहां सभी जल स्रोत सूख गए। भैरुपुरा रोड पर बनाए गए कृत्रिम जलास्रोत में भी पानी नहीं बचा।
Published on:
23 Apr 2018 03:52 pm
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