
Winter sweet gajak
बूंदी. सर्दी शुरू होने के साथ ही गजक की डिमांड बढऩे लगी है। अन्य शहरों में भले ही मंहगाई का असर इस सर्दी की मिठाई पर देखने को मिल रहा हो लेकिन छोटी काशी के लोगो को पिछले साल की रेट में ही गजक का स्वाद मिल रहा है। सर्दियों की मिठाई कहीं जाने वाली गजक गुड व शक्कर की वैरायटी के साथ रोल गजक, काजू पट्टी, तिल्ली लड्डू आदि बाजार में नजर आ रही है।
मौसम सर्द होते हुए गजक की डिमांड निकलना प्रारंभ हो गई है। गुड व शक्कर महंगी होने की वजह से इस साल गजक महंगी है। बावजुद उसके बूंदी में गजक व्यवसायी लोगो को पिछले सालों के दामों में ही गजक बेच रहें है। गजक विक्रेता दिनेश ने बताया कि गजक का व्यवसाय पर महंगाई की मार है। पिछले भावों में ही गजक की बिक्री की जा रही है।
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष गुड, शक्कर व तिली के दाम दुगुने है। जिस तेजी से ये दाम बढ़े है उस लिहाज से गजक के दाम नहीं बढ़े। पिछले वर्ष जो भाव देखे गए जो इस वर्ष भी वही है। गजक सर्दी के मौसम में गर्मी देने वाली सबसे बेहतरीन मिठाई में शुमार है। दुकानों पर उमड़ रही ग्राहकों की भीड़ से यह साफतौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार भले ही गजक महंगी है लेकिन इसके कद्रदानों में कोई कमी नहीं आ रही है, बल्कि बढ़ते ही जा रहे है। सर्दी के इस सीजन का अभी तीन महिने ओर बाकि है इसी के साथ आगामी मकर संक्राांन्ति पर गजक की बम्पर बिक्री को लेकर इसकी उम्मीद व्यवसायियों में साफ देखी जा रही है।
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गजक में अब नयापन-
समय के साथ गजक व्यवसाय पर मंदी के असर के बाद गजक व्यवसायी सर्दी की मिठाई गजक में अब नयापन लाने की कोशिश में लगे है। यही वजह है कि मार्केट में गजक की हर साल नई वैरायटी देखने को मिलती है। इस बार भी कई नई वैराइटी बाजार में है।. उबड़-खाबड़ और बाटी मुंगफली के नाम वाली गजक लोगों की खास पसंद बनी है। इसकी कीमत 200 रुपये किलो है। गजक विक्रेता कैलाश का कहना है कि केसर गजक और काजू पिस्ता गजक की खूब डिमांड हैं। गजक की कीमत 200 रुपये से शुरू है और 600 रुपये किलो तक बाजार में मौजूद है। सर्दी के मौसम में घूमने आने वाले सैलानी बूंदी की गजक को साथ लेकर जाते है।
15 साल से गजक का व्यवसाय करने वाले कैलाश बताते है कि गजक का व्यवसाय अब धीरे-धीरे मंदा होता जा रहा है। जहां इस व्यवसाय में मेहनत लगती है वही दाम नही निकल पाता। मंहगाई के असर से अब मजदूरी का पैसा निकालना भी मुश्किल है, ऐसे में अब गजक बनाने वालों की संख्या में कमी आई है। गजक के पंसदीदा लोगो के लिए हर बार गजक मिटाई में नयापन लाने की कोशिश की जाती है। यही वजह है कि गजक का अपना अलग स्वाद है।
कारोबारियों का कहना है कि तिल्ली गुड़, शक्कर के भावों में तेजी की वजह से गजक के भाव तेज है। गुजरात से तिल आता है, लेकिन बढ़ती महंगाई का असर लोगो पर नही है।
गुड की गजक की डिमांड अधिक-
कारोबारियों का कहना है कि शक्कर की तुलना में गुड की गजक की डिमांड अधिक रहती है। शक्कर की तुलना में गुड व गजक 70 फीसदी अधिक बिकती है। इसकी मुख्य वजह से गुड व तिल्ली की तासीर गर्म होना है। इसके अलावा लोगों को गुड से बनी गजक स्वाद में अच्छी लगती है। जो सर्दी में स्वास्थ्य के लिए काफी असरदार रहती है। इन्हीं सबके चलते सर्दी के दिनों में न केवल गुड की डिमांड बढ़ जाती है बल्कि इनके दामों में वृद्धि हो जाती है।
Published on:
25 Nov 2017 06:43 pm
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