script…तो 350 परिवारों के साथ जंगल में रहेगा टाइगर | mukundra tiger reserve villages Girdharpura can not shifted | Patrika News

…तो 350 परिवारों के साथ जंगल में रहेगा टाइगर

locationकोटाPublished: Nov 25, 2017 02:11:17 am

Submitted by:

​Zuber Khan

मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व में सरकार टाइगर छोडऩे वाली है लेकिन अभी तक रिजर्व की सीमा में आ रहे गिरधरपुरा गांव को विस्थापित नहीं किया गया।

tiger Coming in mukundra

tigers in buffer zone

मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व में सरकार जल्द ही टाइगर छोडऩे की तैयारी में लगी है लेकिन रिजर्व की सीमा में आ रहे गिरधरपुरा गांव को अभी तक विस्थापित नहीं किया गया। ऐसे में गांव के 350 परिवारों पर संकट मंडरा रहा है। इस मामले को लेकर शुक्रवार को लाडपुरा पंचायत समिति की सामान्य बैठक प्रधान राजेन्द्र मेघवाल की अध्यक्षता में हुई। इसमें मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व में आने वाले गिरधरपुरा गांव के विस्थापन, अवैध खनन, पेयजल, बिजली समेत अन्य मुद्दे उठे।

डोल्या सरपंच नंदलाल मेघवाल ने बताया कि राज्य सरकार मुकुन्दरा में दिसम्बर तक टाइगर छोडऩे वाली है। इसके लिए गिरधरपुरा गांव का विस्थापन होना है, लेकिन समय सीमा तय नहीं है। इस कारण प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र लोग लाभांवित नहीं हो पा रहे, जबकि विस्थापन के लिए ग्रामीण राजी हैं। इसके लिए जिला कलक्टर को तीन माह पहले ही प्रस्ताव बनाकर भिजवा दिया है, लेकिन सरकार के स्तर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। एेसे में मुकुन्दरा में टागइर छोड़ा गया और उसने गांव की ओर रुख किया या नुकसान पहुंचाया तो ग्रामीण उचित कदम उठाएंगे, इसकी जवाबदेही सरकार की होगी। उन्होंने बताया कि गिरधपुरा में करीब ३५० परिवार हैं। इनमें से ५० प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हैं। इस पर विकास अधिकारी ने मामले को प्रोसेडिंग में लिया है।
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अंडरपास नहीं तो हाइवे जाम
काल्याखेड़ी सरपंच शिव पांचाल ने फाटाखेड़ा में अण्डरपास बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हाइवे के दूसरी तरफ स्कूल है। वहां प्रतिदिन स्कूली बच्चे व ग्रामीण हाइवे पास कर जाते हैं। हादसे की आशंका रहती है। इस मामले में जिला कलक्टर व परिवहन मंत्री युनूस खान को भी ज्ञापन देकर अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एेसे में अण्डरपास नहीं बनाया गया तो ग्रामीण हाइवे जाम करेंगे। मांदलिया सरपंच भरत सिंह ने मण्डाना-जोधपुरा व मांदलिया के बीच पीडब्ल्यूडी से सड़क बनाने की मांग की।

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कलक्टर के आदेश के बाद भी नहीं पहुंची टीम
बैठक में सरपंच टीकम माली ने बताया कि जाखोड़ा ग्राम पंचायत में खेल मैदान, वेयरहाउस व उपस्वास्थ्य केन्द्र बनना है। इनकी जगह अतिक्रमण हो रहा है। अतिक्रमण हटाने के लिए एसडीएम की जनसुनवाई में मामला आया। उन्होंने पटवारी को सात दिन में अतिक्रमण हटाने के मौखिक निर्देश दिए, लेकिन पटवारी ने अतिक्रमियों से कोई बात नहीं की। अतिक्रमियों ने पक्का निर्माण शुरू कर दिया। बाद में जिला कलक्टर ने जनसुनवाई के लिए एक प्रभारी नियुक्त कर भेजा। प्रभारी ने जिला कलक्टर को मामले से अवगत कराया। जिला कलक्टर ने अतिक्रमण हटाने के एसडीएम को निर्देश दिए। एसडीएम ने १३ नवम्बर को आदेश जारी कर तहसीलदार लाडपुरा, भूअभिलेख निरीक्षक, पटवारी, कैथून थानाधिकारी की टीम बनाकर २० नवम्बर को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए, लेकिन ग्राम पंचायत की टीम साधन-संसाधन लेकर दिनभर खडी रही, जिले से टीम नहीं पहुंची। इस कारण अतिक्रमण नहीं हटा।
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मिलीभगत से हो रहा खनन का खेल
बैठक में प्रधान राजेन्द्र मेघवाल ने जगपुरा व कलम का कुआं के बीच वन भूमि पर मिलीभगत से मिट्टी का अवैध खनन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि वन विभाग की ओर से पत्थरों की पक्की दीवार को भी अतिक्रमियों ने तोड़कर बेधड़क अतिक्रमण किया जा रहा है। जबकि पास में पुलिस चौकी भी बनी है, लेकिन बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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