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बिना अनुमति धरोहर से नहीं हो छेड़छाड़

locationबूंदीPublished: Aug 10, 2018 04:37:47 pm

Submitted by:

Devendra

केशव मंदिर पर चल रहे पांच करोड़ के जीर्णोद्धार कार्य का गुरुवार को देवस्थान विभाग, पुरातत्व एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण कर संवेदक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

Without the permission of the heritage, tampering

बिना अनुमति धरोहर से नहीं हो छेड़छाड़

केशवरायपाटन. चम्बल नदी के किनारे स्थित पौराणिक केशव मंदिर पर चल रहे पांच करोड़ के जीर्णोद्धार कार्य का गुरुवार को देवस्थान विभाग, पुरातत्व एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण कर संवेदक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। दोपहर बाद यहां पहुंची अधिकारियों की टीम ने मंदिर का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान जीर्ण शीर्ण शिल्प कलाकृतियों को देखते हुए पुरातत्व विभाग के निदेशक हरदेश कुमार ने कहा कि समय-समय पर मंदिर की शिल्प कलाकृतियों के साथ छेड़छाड़ करने से इनका अस्तित्व संकट में पड़ा है। अब बिना अनुमति के इस धरोहर की छेड़छाड़ नहीं हो इसकी व्यवस्था देवस्थान विभाग को करनी है।
देवस्थान विभाग कोटा के सहायक आयुक्त कृृष्णकुमार खंडेलवाल ने मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता रामचन्द्र झालानी यहां चल रहे कलाकृतियों के निर्माण के बारे में बताया।
मंदिर में यह होंगे कार्य
पांच सौ वर्ष पुराने केशव मंदिर मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए यहां संवेदक के कारीगर शिल्प कलाकृतियों को मूर्त रूप देने में जुटे हुए है। मंदिर के शिखर की केमिकल से सफाई करने के बाद अब कारीगर जर्जर हो चुकी मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं।
देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त कृृृष्ण कुमार खंडेलवाल ने बताया कि पांच करोड़ में यहां पर केशव मंदिर के शिखर से नीचे तक जर्जर हो चुकी शिल्प कलाओं को हुबहू आकृतियां दी जाएगी। चम्बल नदी के किनारे ४९ छतरियां, प्राचीन चबूतरों का जीर्णोद्धार, आस पास की छतरियों का जीर्णोद्धार, बुर्जो पर छतरियां, छतरियों की रासायनिक धुलाई, कोटिंग, पुराने स्कूल में बडा हॉल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है।
उड़ीसा के हस्तशिल्पी दे रहे आकार
केशव मंदिर की प्राचीन शिल्प कलाकृतियों को पुराने स्वरूप में लाने का कार्य उड़ीसा से आए आधा दर्जन हस्त शिल्पियों की टीम कर रही है। उड़ीसा के पप्पू माझी ने बताया कि उनकी टीम अहमदाबाद के स्वामीनाथन मंदिरों पर शिल्पकला की मूर्तियां बनाने का कार्य करती है।
यह उनका पुस्तैनी कार्य है। शिल्पकला के हुनर में पारंगत ममाझी ने बताया कि वह हाथी, घोड़ा, भगवान की विभिन्न मुद्रा की कलाकृृतियां हुबहू बना लेते हैं। यहां उनके ६ सदस्य कार्य कर रहे हैं।
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