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सीइओ ने पूछा क्यों बिगड़ा रिजल्ट, प्राचार्यों ने अतिथि शिक्षकों को ठहराया जिम्मेदार

- फटकार लगाकर कहा मॉनिटरिंग करना आप की जिम्मेदारी- 30 फीसदी से कम रिजल्ट आया तो अतिथियों की होगी छुट्टी

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CEO asked why results deteriorated, principals held guest teachers responsible

CEO asked why results deteriorated, principals held guest teachers responsible


बुरहानपुर. एमपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम बिगडऩे पर ज्यादातर प्राचार्यों ने स्कूल में अंग्रेजी, गणित, विज्ञान शिक्षकों की कमी के साथ अतिथि शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की नियमित उपस्थिति कम होने साथ बच्चों के पलायन की बात कही। जिला पंचायत सीइओ ने फटकार लगाते हुए कहा कि अतिथि शिक्षकों की मॉनिटरिंग करना आपकी जिम्मेदारी है, उन्हे भी नियमित शिक्षक की तरह देखकर बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दे। दोबारा से रिजल्ट बिगड़ा तो सीधे प्राचार्याे पर कार्यवाही होगी।
कलेक्टोरेट कार्यालय में बुधवार को जिलेभर की शासकीय स्कूलों के प्राचार्याे की बैठक हुई। कलेक्टर भव्या मित्तल, जिला पंचायत सीइओ सुष्टि देशमुख, डीइओ संतोष सिंह सोलंकी ने शिक्षा सत्र 2022-23 के बोर्ड परीक्षा परिणाम में गिरावट होने पर नाराजगी जाहिर की। 30 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले प्राचार्य से कारण पूछा गया तो सभी ने शिक्षक नहीं होने के साथ अतिथियों के सहारे बच्चों को पढ़ाने एवं अतिथियों के बदलने एवं स्कूल छोडऩे की बात कही। हर प्राचार्य अपने बचाव में अतिथियों को ही जिम्मेदार ठहराया तो सीइओ नाराज हो गई। प्राचार्याे को फटकार लगाते हुए कहा कि शिक्षक नहीं होने का बहाना नहीं चलेगा, अतिथि शिक्षकों से भी नियमित की तरह काम लेना आप की जिम्मेदारी है, अपनी जिम्मेदारी को दूसरों पर डाल कर समय खराब न करे।
30 फीसदी से कम दिया रिजल्ट, अतिथि शिक्षक हटाएंगे
सीइओ ने कहा कि जिन हाइ स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में नियमित शिक्षक नहीं है, वहां पर अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करें। बच्चों को अच्छा पढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षक की होती है, अगर परीक्षा परिणाम 30 फीसदी से कम आएंगा तो अतिथियों पर कार्यवाही कर उन्हे दूसरे साल पढ़ाने का मौका नहीं दे। दूसरे शिक्षकों को नियुक्ति देकर रखेंगे। अतिथि शिक्षक पढ़ा रहा है या नहीं, स्कूल में कितना समय दे रहा है यह मॉनिटङ्क्षरग करना प्राचार्य की जिम्मेदारी है। 6 माही परीक्षा परिणाम के आधार पर शिक्षकों की पढ़ाई का सत्यापन होगा। अतिथि शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर बच्चों को पढऩे का तरीका भी समझाया जाएगा।