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शादी का बचा खाना गरीबों तक पहुंचाते हैं, अन्न और पर्यावरण बचाने का देते हैं संदेश

शहर के एक सामाजिक संगठन ने अन्न् और पर्यावरण को बचाने के लिए एक खास बीड़ा उठाया है।

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शादी का बचा खाना गरीबों तक पहुंचाते हैं, अन्न और पर्यावरण बचाने का देते हैं संदेश

बुरहानपुर/ शादी पार्टियों में अकसर आपने खाने की बर्बादी होते देखी होगी। प्रोग्राम खत्म होने के बाद बचा हुआ खाना ज्यादातर जगहों पर फैंक दिया जाता है। यही स्थिति रोजाना रात में अकसर होटलों में भी देखी जाती है, जहां होटल बंद करते समय होटलों को बचा हुआ खाना फैंकना पड़ता है। लेकिन जरा सोचिये, रोजाना इतनी बड़ी मात्रा में फिकने वाला भोजन कितने गरीब असहायों की भूख मिटा सकता है। इसी चिंता के तहत शहर के एक सामाजिक संगठन ने अन्न् और पर्यावरण को बचाने के लिए एक खास बीड़ा उठाया है। इसके तहत शादियों में बचा हुआ खाना एकत्रित कर गरीब बस्ती के जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है।

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सामने आ रहे हैं बेहतर परिणाम

संगठन द्वारा वारा लोगों से दान में मिलने वाले भोजन को साथ, ही होटलों से बचा खाना इक्ट्ठा कर जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है। शहर के करीब करीब सभी मेरिज गार्डनों और होटलों में संस्था द्वारा बेनर चस्पा कर दिये गए हैं। विजय मारसिंह शिंदे फाउंडेशन के अध्यक्ष संजयसिंह शिंदे के मुताबिक, संस्था द्वारा शहर के होटलों मेरिज गार्डनों या घरों से बचा हुआ अच्छा भोजन तो इकत्रित किया ही जा रहा है, जिसके काफी अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। साथ ही, बचे हुए खराब खाने को एकत्रित करने की तैयारी चल रही है, ताकि उसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। कई बार होटलों में शादी पार्टियों में बचा खाना खराब हो जाता है, ऐसे भोजन से जैविक खाद बनाने की तैयारी की जा रही है।

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ये है संगठन का उद्देश्य

फाउंडेशन को गठित हुए फिलहाल दो महीने ही बीते हैं, लेकिन इसके उद्देश्य को लोगों की काफी सराहना मिल रही है। शहर के लोग भी संगठन के उद्देश्य से प्रेरित होकर उसे बचा हुआ खाना दे रहे हैं। कई लोग संस्था के ऑफिस जाकर बचा हुआ भोजन दे देते हैं, या सूचना मिलने पर संस्था द्वारा खुद भोजन कलेक्ट कर लिया जाता है। संजयसिंह शिंदे ने बताया कि, वर्तमान में शादियों का सीजन है। कई आयोजनों में खाना भी बचता है। इस बचे हुए खाने को व्यर्थ न फेंकने एवं जरूरतमंदों को पहुंचाने के लिए संस्था द्वारा पहल की गई है। लोग खुद भी खाने को बर्बाद होने से बचाने के लिए संस्था को सूचित कर भोजन भेज देते हैं, यहां से शहर की नजदीकी बस्तियों या गरीब लोगों को ये भोजन पहुंचाया जाता है। सोशल मीडिया पर भी पोस्टर जारी कर संस्था द्वारा शादियों में बचे भोजन देने की अपील की जा रही है।