
Unique Protest : अपनी मांग की सुनवाई न होने पर अकसर लोग जिम्मेदारों के समक्ष प्रदर्शन की राह इख्तियार करते हैं। ऐसे में अब तक आपने कई बार लोगों को अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करते देखा होगा। इसमें मुख्य रूप से काम बंद हड़ताल की जाती है, चक्काजाम, भूख हड़ताल करते हैं। अगर ज्यादा ही गंभीर मामा है तो बाल मुंडवाने से लेकर खुद को क्षति पहुंचाने जैसे प्रदर्शन लोग करते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में एक शख्स ने ऐसा प्रदर्शन किया, जिसे न तो आपने आजतक किसी और को करते देखा होगा और न ही सुना होगा।
दरअसल, जिले में एक शख्स पिछले 6 साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। लेकिन, इस बार कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर उसने अनोखा प्रदर्शन शुरु कर दिया। यहां उसके एक हाथ में झाड़ू तो दूसरे हाथ में तिरंगा थाम रखा था। वहीं, उसके गले में रोटियों की माला थी। इस प्रोटेस्ट को जिसने भी देखा वह हैरान रह गया।
बुरहानपुर नगर निगम में संविदा पर काम करने वाले संजय सिंह को अचानक परमानेंट होने से पहले बिना किसी कारण नौकरी से हटा दिया। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि सुपरवाइजर के नौकरी देने के बदले हर महीने 2 हजार रुपए रिश्वत देने की मांग की थी। लेकिन, मैंने जब रिश्वत का विरोध किया तो सुपरवाइजर ने 6 साल पहले उसे नौकरी से निकाल दिया। तब से लेकर अबतक वो सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार उनकी पीड़ा सुनने को तैयार नहीं है। पीड़ित के अनुसार, मेरी सारी योजनाएं बंद कर दो लेकिन मुझे रोजगार दो। क्योंकि रोजगार ना होने से मेरे सामने परिवार के पालन पोषण का बड़ा संकट है। इसी के चलते आज कलेक्टर कार्यालय में उसने रोटी की माला पिरोकर अपने गले मे डालकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर रोजगार की मांग की है।
पीड़ित ने कलेक्टर के नाम एक पत्र लिखते हुए कहा, उसने नगर पालिक निगम मे दैनिक वेतन सफाई कर्मचारी के पद पर सन 1988 से सन 2018 तक पूरी इमानदारी से सफाई सेवक के रूप में अपना कार्य किया। लेकिन साल 2017 में पूर्व भ्रष्ट सेक्टर अधिकारी सतीश बुरहानपुर से लालबाग में बदली होकर आया और अपने पद का गलत प्रयोग कर कर्मचारियों को कार्य से बंद करने की धमकी देते हुए समस्त कर्मचारियों से रिश्वत के रूप में 2000 रुपये प्रतिमाह लेता रहा। जब रिश्वत का विरोध किया तो सेक्टर अधिकारी ने मुझ प्रार्थी को बिना किसी लिखित नोटिस के कार्य से बंद कर दिया। आज वर्तमान में विगत 6 सालों से मैं घर बेरोजगार बैठा हूं। मुझ पर आर्थिक संकट आने से लाखों रुपये का कर्जा हो गया है। जिससे मै और मेरा पूरा परिवार परेशान है। 2 किलो गेहूं एवं 1200 रुपये से भी मेरा परिवार का पालन पोषण नहीं हो पा रहा है। मेरी विनती है कि मुझे न्याय देकर मुझे रोजगार दिया जाए।
Updated on:
17 Aug 2024 09:05 am
Published on:
17 Aug 2024 09:04 am
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