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पीएम आवास योजना की हकीकत, दो साल से एक आवास स्वीकृत नहीं

awas yojana

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- निगम की 1033 की डीपीआर अटकी
बुरहानपुर. प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 शहरी के शुभारंभ कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने योजना की खूब तारीफ की, लेकिन हकीकत तो यह है कि जिले में दो साल से एक भी नया आवास स्वीकृत नहीं हुआ है। नगर निगम की 1033 की डीपीआर दो साल से पेंडि़ंग है, पुरानी डीपीआर के मकान दूसरी, तीसरी किस्तों के इंतजार में अधूरे है। यही हाल ग्रामीण आवास योजना का है। पोर्टल पर 25 हजार आवेदन पेंडिंग है, जबकि ग्रामीण में अभी 4 हजार आवास की स्वीकृति मिली है।
नगर निगम द्वारा पीएम आवास योजना में अभी तक 15014 हितग्राहियों का लाभ दिलाया गया। जबकि 13 हजार 6 34 आवास बनकर तैयार हो गए है। जबकि स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में अलग है। शासन द्वारा यहां पर एक ही योजना चलाई जा रही है, लेकिन लंबे समय से आवास स्वीकृत नहीं करने से आवेदनों की संख्या 25 हजार तक पहुंच गई।नए बजट के बाद जिला पंचायत को 4 हजार 244 नए आवास की स्वीकृति मिल गई है, पहली किस्त का भुगतान कर काम शुरू कराया जाएगा।शहरी क्षेत्र में दो लाख 50 हजार की राशि मिल रही है तो ग्रामीण क्षेत्रों में एक लाख 30 हजार दिए जा रहे है, जिसे बढ़ाने की मांग ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि लंबे समय से करते आ रहे है।
सरकार ने किया पक्के मकान में रहने का सपना साकार
इंदिरा कॉलोनी स्थित ऑडिटोरियम में पीएम आवास योजना का जिलास्तरीय कार्यक्रम हुआ। प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि डबल इंजन की सरकार निरंतर रूप से प्रगति की ओर बढ़ रही है। आवास योजना ने जरूरतमंदों गरीब लेागों के पक्के मकान में रहने का सपने को साकार किया है।इस दौरान सांसद ज्ञानेश्वर पाटील, विधायक अर्चना चिटनिस,विधायक मंजू दादू,महापौर माधुरी पटेल शामिल हुई।