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उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मिले बिजली बिल में छूट, टेक्सटाइल में जीएसटी हटे तो मिलेगा बढ़ावा

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट

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burhanpur

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ग्लोबल इन्वेस्टर समिट

  • उद्योगपतियों के सुझाव आए सामने
  • बुरहानपुर. ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए बुरहानपुर में भी अब माहौल बनने लगा है। इसकी तैयारी के लिए अब प्रशासन ने उद्योगपतियों तक पहुंच बनाकर तैयारी शुरूर कर दी। गुरुवार को कलेक्टर हर्षसिंह ने उद्योग संवर्धन समिति की बैठक बुलाकर सभी के सुझाव लिए। जिसमें उद्योग में बिजली बिजल में छूट, नए उद्योग के लिए भूमि आवंटन सहित टेक्सटाइल में जीएसटी की छूट के सुझाव सामने आए। कलेक्टर यह रिपोर्ट भोपाल भेजेंगे, ताकि आगे नए उद्योगों की राह आसान हो सके। चेंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष प्रशांत श्रॉफ सहित सभी ने अलग अलग तरह के सुझाव रखे।यह सुझाव आए सामनेरेहटा उद्योगिक क्षेत्र में सरकार द्वार जमीन का समतलीकरण करके दिया जाए। ताकि निवेशक यहां आकर नए उद्योग डाल सके। क्योंकि रेहटा उद्योग ऐसा है, जहां टेक्सटाइल के अलावा सभी तरह के उद्योग डाले जा सकते हैं।कई निवेशक टेक्सटाइल खुद की निजी जमीन पर करते हैं। इसके लिए कई तरह की अनुमतियां लेना पड़ती है। डायवर्सन, टीएनसीपी, बिजली कंपनी से अपू्रवल आदि अनुमति रहती है। प्रशासन ऐसी व्यवस्थाएं बनाए कि सारी अनपुमतियां सिंगल विंडो से मिल जाए तो पैसा और समय दोनों बचेगा। इससे उत्साह कम नहीं होगा।कलेक्टर ने इस सुझाव को स्वीकार कर जल्द इसके लिए कमेटी का गठन करने की बात कही।टेक्सटाइल उद्योग के लिए पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में अलग से टेक्सटाइल पॉलिसी बनी है। हमारे यहां सभी उद्योग के समान टेक्सटाइल पॉलिसी है अलग से कोई व्यवस्था नहीं है।राज्य जीएसटी से टेक्सटाइल को छूट मिलना चाहिए। तभी हम वैश्विक बाजार में टिक पाएंगे।
  • कलेक्टर ने कहा कि जो मामले भोपाल स्तर के है उन्हें वहां रखा जाएगा।प्रशासन बोला मप्र में एमएसएमई विकास नीति को मंजूरीप्रशासन की तरफ से बैठक में आए सभी उद्योगपतियों को इन्वेस्टर समिट के लिए निमंत्रण दिया। बताया कि प्रदेश को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मंत्री परिषद की बैठक में मप्र एमएसएमई विकास नीति.2025 को मंजूरी दी गई है। जिले के उद्योगों को विकास की एक नई दिशा देने के उद्देश्य से बैठक बुलाई गई।महाप्रबंधक ने बताया अब यह मिलेगी सुविधाजिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र महाप्रबंधक अभिलाष मेरावी ने मप्र एमएसएमई विकास नीति.2025 की जानकारी दी। कहा कि निवेश पर 40 प्रतिशत तक की सहायता, नए उद्योगों में नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमी इकाई को 48 प्रतिशत की सहायता और पिछड़े विकासखंडों में 1.3 गुना सहायता का प्रावधान किया गया है। निजी भागीदारी से औद्योगिक क्षेत्र, क्लस्टर, बहुमंजिला औद्योगिक परिसर के अधोसंरचना विकास के लिए अधिकतम 40 करोड़ तक की सहायता का भी प्रावधान किया गया है। मध्यम इकाई को कौशल विकास और रोजगार सृजन के लिए भी नीति में प्रावधान है। सेवा क्षेत्र में पहली बार सहायता दी गई है।