
क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने के स्मार्ट तरीके। (PC: AI/Gemini)
Credit Card Smart Uses: आज के दौर में क्रेडिट कार्ड एक फाइनेंशियल टूल बन चुका है। हर तरह के पेमेंट में लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने लगे हैं। यहां तक कि यूपीआई में भी क्रेडिट कार्ड लिंक हो जाता है, जिससे सीधा यूपीआई ऐप से ही पेमेंट की जा सकती है। लेकिन इसके इस्तेमाल में गलती करने से कर्ज और पेनल्टी का खतरा बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ स्मार्ट मूव्स अपनाकर क्रेडिट कार्ड का उपयोग सुरक्षित, फायदेमंद और तनाव-रहित बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं वे तरीके जो हर क्रेडिट कार्ड यूजर को अपनाने चाहिए।
अक्सर लोग सिर्फ ऑफर देखकर कार्ड ले लेते हैं। लेकिन कार्ड का फायदा तभी मिलता है, जब कार्ड आपके उपयोग के अनुसार बेनेफिट देता हो। यदि आप हवाई यात्रा करते हैं, तो ट्रेवल कार्ड चुनें। अगर राशन और ग्रोसरी पर आपका खर्च अधिक होता है, तो आप कैशबैक वाले कार्ड लें। वहीं, आप लाइफस्टाइल को फॉलो करते हैं और बाहर डाइनिंग के साथ शॉपिंग ज्यादा करते हैं, तो आपको रिवार्ड वाला कार्ड चुनना चाहिए। गलत कार्ड चुनने पर कई सुविधाएं बेकार चली जाती हैं।
शर्तों में छोटी-छोटी बातें शामिल होती हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। एनुअल फीस कब माफ होती है, कौन सी खरीद पर रिवार्ड पॉइंट मिलते हैं और एक्सपायर कब होते हैं, या इंटरनेशनल पेमेंट पर कितना चार्ज लगता है। कार्ड का पूरा फायदा उठाने के लिए जरूरी है कि आपको ऐसी सभी शर्तों के बारे में पूरी जानकारी हो।
क्रेडिट कार्ड का सबसे अहम नियम है कि मिनिमम ड्यू के बजाय कार्ड का पूरा बकाया तय समय पर चुकाना चाहिए। क्योंकि मिनिमम ड्यू भरने पर भी बाकी रकम पर 32% से 40% वार्षिक ब्याज लग सकता है। वहीं, अगर समय पर पूरा बकाया चुकाया जाए तो ब्याज शून्य रहता है, क्रेडिट स्कोर मजबूत बनता है और कार्ड की लिमिट भी समय के साथ बढ़ जाती है।
उच्च लिमिट उपयोग (high utilisation) से क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि महीने में 30-40% क्रेडिट लिमिट ही उपयोग में आए, ऐसी कोशिश करनी चाहिए। यदि कुछ महंगा खरीद रहे हैं तो उसे दो कार्ड्स में बांट लें। इस तरीके से क्रेडिट स्कोर भी अच्छा रहता है और बकाया चुकाने का जोखिम भी कम होता है।
हर कार्ड में लगभग 30 से 55 दिन की ब्याज मुक्त अवधि होती है। मान लीजिए आपकी बिल साइकिल 7 तारीख से शुरु है और ड्यू डेट 20 तारीख है। आप 7 तारीख को कोई पेमेंट करते हैं तो उसका बिल अगले महीने की 7 तारीख को जनेरेट होगा। वहीं, उसकी ड्यू डेट यानी 20 तारीख तक आपको अधिक समय मिल जाएगा। इससे आपको काफी लंबा इंटरेस्ट फ्री पीरियड मिल जाता है। ऐसे में आपकी कोई बड़ी पेमेंट हो, तो उसे इसी समय अवधि में करें।
ईएमआई का ऑफर दिखते ही सामान खरीद लेना समझदारी नहीं है। जीरो कोस्ट ईएमआई पर भी कई बार प्रोसेसिंग फीस लगाई जाती है। वहीं, मूल पर ब्याज ना लगाकर, हर किस्त की प्रोसेसिंग के लिए कई बार ब्याज लगाया जाता है। इसलिए केवल बड़े या ज्यादा जरूरी खर्चों पर ही ईएमआई का चयन करें।
भारत में हर साल करोड़ों रुपये के रिवार्ड पॉइंट्स एक्सपायर हो जाते हैं। अपना रिवॉर्ड बैलेंस समय-समय पर चेक करते रहें। एक्सपायर होने से पहले ही ट्रैवल, गिफ्ट वाउचर या अन्य किसी विकल्प पर रीडीम करें। इससे कुछ खर्चों में आर्थिक सहायता मिल जाती है।
Updated on:
12 Dec 2025 02:52 pm
Published on:
12 Dec 2025 02:49 pm
बड़ी खबरें
View Allकारोबार
ट्रेंडिंग
