
EPFO ने UAN बनाने में सबस्क्राइबर को राहत दी है। (फोटो सोर्स : पत्रिका)
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) से आधार जोड़ने और उसमें सुधार करने की प्रक्रिया अब और आसान हो गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इस संबंध में नए निर्देश जारी किए हैं, जिससे 7 करोड़ से अधिक पीएफ खाताधारकों को राहत मिलेगी। ईपीएफओ ने 2014 में पहली बार आधार को KYC के रूप में UAN से जोड़ने की सुविधा शुरू की थी।
इसका मकसद था कि लाभ सीधे कर्मचारियों को मिल सके और कंपनी के स्तर पर होने वाली देरी को खत्म किया जा सके। 2025 में एक और बड़ा बदलाव लाया गया है, जिसमें सदस्यों को खुद अपने प्रोफाइल में बदलाव करने की इजाजत दी गई है बशर्ते उनका आधार UIDAI से वेरिफाई हो चुका हो। केवल उन्हीं मामलों को कंपनी या ईपीएफओ के पास भेजा जाता था, जिनका आधार अब तक सीड या वेरिफाई नहीं हुआ।
ईपीएफओ के ताजा आदेश के अनुसार, जिन सदस्यों के नाम, जेंडर और डेट ऑफ बर्थ का ब्योरा UAN और आधार दोनों में बिल्कुल मेल खाता है, वे सीधे अपने एम्प्लायर के पास जाकर आधार को UAN से लिंक कर सकते हैं। इसके लिए अलग से ईपीएफओ की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। लेकिन जिन सदस्यों के रिकॉर्ड में गड़बड़ी है मसलन नाम, जेंडर या डेट ऑफ बर्थ में अंतर है तो उनके लिए ज्वाइंट डिक्लेरेशन (JD) की प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है। अब कंपनी ऑनलाइन ज्वाइंट डिक्लेरेशन पोर्टल पर सुधार का अनुरोध दर्ज कर सकती हैं। अगर किसी सदस्य का गलत आधार UAN से लिंक हो गया है, तो नियोक्ता ऑनलाइन ही सही आधार दर्ज कर संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेज सकता है। यह पहले की तुलना में बेहद आसान प्रक्रिया है।
एक अहम प्रावधान यह भी है कि अगर नियोक्ता उपलब्ध न हों या कंपनी बंद हो चुकी हो, तो सदस्य स्वयं फिजिकल ज्वाइंट डिक्लेरेशन भरकर अधिकृत अधिकारी से सत्यापित करवा सकते हैं। यह फॉर्म क्षेत्रीय कार्यालय के पब्लिक रिलेशंस अफसर (PRO) के पास जमा किया जाएगा, जहां जांच के बाद इसे ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज कर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को प्रमाणित करने के लिए मजिस्ट्रेट, गजटेड अफसर, बैंक मैनेजर, ग्राम प्रधान, पंचायत अध्यक्ष, राजस्व अधिकारी, नोटरी पब्लिक आदि जैसी कई प्राधिकृत हस्तियों को अधिकृत किया गया है।
जहां भी आधार सीडिंग या करेक्शन का मामला होगा, उसे क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर सहायक भविष्य निधि आयुक्त (APFC) की मंजूरी जरूरी होगी। APFC यह सुनिश्चित करेंगे कि बदलाव का अनुरोध वास्तविक और सही है। विशेष रूप से जिन मामलों में आधार पहले से वेरिफाई हो चुका है, उनमें किसी भी तरह का बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।
इस नई व्यवस्था से सदस्यों को कई तरह की राहत मिलेगी :
1; आधार सीडिंग और करेक्शन की प्रक्रिया सरल और तेज होगी।
2; नियोक्ता के स्तर पर ही अधिकांश मामले निपट जाएंगे।
3; बंद हो चुकी कंपनियों के कर्मचारियों को भी समाधान मिलेगा।
4; गलत आधार लिंकिंग जैसी समस्याओं का हल आसान होगा।
1; EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
2; e-KYC पोर्टल पर क्लिक करें।
3; UAN और पासवर्ड से लॉगिन करें।
4; ‘Manage’ टैब में जाकर ‘KYC’ विकल्प चुनें।
5; KYC विवरण में 12 अंकों का आधार नंबर दर्ज करें।
6; ‘Save’ पर क्लिक करें।
7; EPFO, UIDAI से आधार की पुष्टि कर UAN से लिंक कर देगा।
Updated on:
20 Aug 2025 11:36 am
Published on:
20 Aug 2025 10:39 am
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