30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Retirement Planning: मजे से काटना है बुढ़ापा तो न करें ये गलतियां, प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद में जानें अपने अधिकार

Retirement Planning: अगर सीनियर सिटीजंस की देखभाल नहीं हो रही है, तो वे मेंटिनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजंस एक्ट 2007 के तहत अपने हक का दावा कर सकते हैं।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Pawan Jayaswal

Dec 30, 2025

Retirement Planning

कम उम्र से ही रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। (PC: AI)

Retirement Planning: रिटायरमेंट स्कीम में जितनी जल्दी शुरुआत, उतना ज्यादा फायदा। मान लीजिए आपको 60 साल की उम्र तक एक करोड़ रुपए का कॉर्पस बनाना है। अगर 30 साल की उम्र में शुरुआत करते हैं और 10% रिटर्न मानें तो 4,800 रुपए महीने की एसआइपी से यह लक्ष्य हासिल हो सकता है। लेकिन यही काम 50 साल की उम्र में शुरू करते हैं, तो 49,600 रुपए महीने निवेश करने पड़ेंगे। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि 25-30 की उम्र में शुरू की गई 5,000 रुपये की एसआइपी 40 की उम्र में शुरू की गई 25,000 रुपये की एसआइपी से ज्यादा असरदार है।

गलतियों से बचें

  1. महंगाई नजरअंदाज करना: आज 15,000 रुपए में मिल रहा राशन 30 साल बाद 4% की मामूली महंगाई दर पर 48,000 रुपए से ज्यादा का हो सकता है।
  2. कितने साल जिएंगे, सोचा है: लोग 75-80 साल तक जीने की योजना बनाते हैं तो पैसा 20 साल में खत्म हो सकता है। अगर आप 85-90 तक जिए तो आखिरी 5-10 साल में पैसे की कमी पड़ सकती है। इसलिए लॉन्ग लाइफ की प्लानिंग करें।
  3. सारा पैसा एक जगह लगाना: कई लोग पूरी बचत सिर्फ एफडी में रखते है। कुछ लोग सिर्फ इक्विटी में सारा पैसा डाल देते हैं। यह सही नहीं है। एक्सपर्ट कहते हैं कि इक्विटी, गोल्ड और डेट में अपने पैसे को डिस्ट्रीब्यूट करना चाहिए।
  4. हेल्थकेयर खर्च : 60 की उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस मिलना मुश्किल हो सकता है। प्रीमियम महंगा हो सकता है। कई शर्तें लागू हो सकती हैं। इसलिए 10 लाख का बेस प्लान व 50 लाख का सुपर टॉप-अप कराएं।

जानें अपने हक

-अगर बुजुर्ग की अनदेखी हो रही है या उनका हक नहीं दिया जा रहा है, तो साल 2007 के मेंटिनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजंस एक्ट के तहत वे अपने हक का दावा कर सकते हैं।

-अगर बुजुर्ग अपना गुजर-बसर करने में सक्षम नहीं है, तो कानून के मुताबिक बुजुर्ग अपने बेटा या बेटी ( शादीशुदा भी) या करीबी रिश्तेदार से 10 हजार रुपये तक महीना देखभाल के लिए मांग सकते हैं। करीबी रिश्तेदार से मतलब उस शख्स से है, जो बेटे या बेटी के न होने पर उनकी जायदाद का वारिस होगा।

प्रॉपर्टी को लेकर विवाद है तो क्या करें

  • अगर बेटा-बेटी ने अपने बुजुर्ग मां-बाप को घर से निकाल दिया है और घर मां-बाप के नाम पर है, तो बुजुर्ग चाहें तो डीएम ऑफिस या पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
  • बुजुर्ग अपनी मर्जी से प्रॉपर्टी को किसी भी शख्स के नाम कर सकते हैं। जरूरी नहीं कि वह प्रॉपर्टी बेटे या बेटी के नाम करें।
  • अगर बेटा या बेटी या संपत्ति का वारिस प्रॉपर्टी अपने नाम कराने के बाद उनकी देखभाल नहीं करता है तो बुजुर्ग उस संपत्ति को वापस ले सकते हैं।
  • अगर कोई शख्स झूठ बोलकर या धोखे से प्रॉपर्टी अपने नाम करा लेता है, तो बुजुर्ग रजिस्टर्ड डॉक्यूमेंट्स को कैंसिल कराकर प्रॉपर्टी वापस भी ले सकते हैं।
  • अगर बुजुर्ग की सालाना आय 4 लाख रुपए से कम है तो केस लड़ने के लिए फ्री में वकील मुहैया कराया जाता है।
  • अपनी वसीयत तैयार कराएं और उसका रजिस्ट्रेशन भी जरूर कराएं।